अभद्र भाषा के लिए दानवे विधानसभा से पांच दिन के लिए निलंबित
महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे को सदन में कथित दुर्व्यवहार के कारण पांच दिन के लिए निलंबित कर दिया गया।
नई दिल्ली (आरएनआई) महाराष्ट्र में विधान परिषद की कार्यवाही तीन बार मंगलवार को स्थगित की गई। भाजपा सदस्य प्रवीण दारेककर ने विपक्ष के नेता अंबादास दानवे के बीते रोज अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने पर आपत्ति जताई थी। इस मुद्दे पर चर्चा करने की मांग की थी। लेकिन स्थिति अराजक होने के कारण कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। विपक्ष के नेता अंबादास दानवे को सदन में कथित दुर्व्यवहार के कारण पांच दिन के लिए निलंबित कर दिया गया।
महाराष्ट्र में विधान परिषद कार्यवाही के दौरान विपक्षी नेता अंबादास दानवे के अभ्रद भाषा का इस्तेमाल करने पर आपत्ति जताई। भाजपा नेता का आरोप है कि विपक्षी नेता ने सदन ने राहुल गांधी के हिंदू वाली टिप्पणी पर बात करते हुए अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था। भाजपा विधायक प्रसाद लाड ने सोमवार को परिषद में गांधी की टिप्पणी का मुद्दा उठाया। उन्होंने राहुल गांधी की टिप्पणी की निंदा की। साथ ही प्रस्ताव की मांग की। इस पर विपक्षी नेता अंबादास दावने प्रतिक्रिया दी।
मंगलवार को जब सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो भाजपा सदस्य प्रवीण दारेककर ने विपक्षी नेता दानवे के कथित अभ्रद भाषा के प्रयोग पर चर्चा की मांग की। परिषद की उपसभापति नीलम गोरहे ने दारेकेर से प्रश्नकाल पूरा होने देने का आग्रह किया। लेकिन भाजपा के दारेककर ने सदन में इस मुद्दे पर चर्चा करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि विपक्ष को विधान परिषद की पवित्रता को बनाए रखने की जरूरत है।
उपसभापति नीलम गोरहे ने कहा कि यह मामला गंभीर है, उनकी टिप्पणी के वीडियो क्लिप की समीक्षा करने और अन्य विवरण एकत्र करने के बाद ही कोई निर्णय लिया जा सकता है। हालांकि, दारेककर ने नरमी बरतने से मना करते हुए असहमति व्यक्त की। उन्होंने आरोप लगाया कि दानवे ने न केवल सदन में अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया, बल्कि मीडिया से भी इस बारे में बात की। यह उनके व्यवहार की गंभीरता पर सवालिया निशान खड़ा करता है। उन्होंने बोलने के अपने अधिकार का दावा किया और सदन की कार्यवाही को बाधित करने की धमकी दी। उपसभापति ने गोरहे ने शुरू में इसे एक घंटे के लिए स्थगित कर दिया। बाद में कार्यवाही फिर से शुरू होने पर, इसी मुद्दे पर सदन में अराजक दृश्य देखने मिले। जिसके बाद उपसभापति ने इसे दोपहर 2 बजे तक के लिए दो बार स्थगित कर दिया। महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे को सदन में कथित दुर्व्यवहार के कारण पांच दिन के लिए निलंबित कर दिया गया।
महाराष्ट्र के मंत्री शंभूराज देसाई ने कहा कि सरकार जालना पुलिस से इस दावे के बारे में रिपोर्ट मांगेगी कि मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे के गांव पर ड्रोन से निगरानी रखी जा रही है। इस पर उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो कार्यकर्ता की सुरक्षा बढ़ाई जाएगी। विधानसभा में इस मुद्दे को उठाते हुए वडेट्टीवार ने दावा किया कि कार्यकर्ता की जान को खतरा हो सकता है। अंतरवाली सरती सरकारी नौकरियों और शिक्षा में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन का केंद्र बन गया है। वहीं कांग्रेस नेता ने दावा किया, "हर किसी को विरोध करने का अधिकार है और अगर गांव पर ड्रोन से निगरानी रखी जा रही है तो यह ठीक नहीं है। ग्रामीण डरे हुए हैं।" उन्होंने कहा कि सरकार जालना के पुलिस अधीक्षक से रिपोर्ट मांगेगी और उचित कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा, "जरांगे को पहले भी सशस्त्र सुरक्षा मुहैया कराई गई थी। अगर जरूरत पड़ी तो सुरक्षा बढ़ाई जाएगी।"
शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को कहा कि महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे को निलंबित करने का फैसला एकतरफा और पूर्व नियोजित साजिश है। ठाकरे ने कहा कि निलंबित किए जाने से पहले दानवे को अपना पक्ष रखने का कोई मौका नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख के तौर पर अगर दानवे की टिप्पणी से महिलाओं को ठेस पहुंची है तो वे इसके लिए माफी मांगते हैं। लेकिन उन्होंने पूछा कि सदन के बाहर ऐसी टिप्पणी करने वाले भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना नेताओं के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई। उन्होंने कहा, "दानवे को निलंबित करने के प्रस्ताव पर चर्चा की जरूरत थी, लेकिन इस पर कोई चर्चा नहीं हुई।
उन्होंने कहा कि विधान परिषद चुनावों में उनकी पार्टी की जीत को छुपाने के लिए निलंबन किया गया। शिवसेना (यूबीटी) के उम्मीदवार अनिल परब और जगन्नाथ अभ्यंकर ने क्रमश: मुंबई स्नातक और शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों से जीत हासिल की। ठाकरे ने आरोप लगाया, "दानवे को निलंबित करने की साजिश एक सुनियोजित साजिश थी।" उन्होंने सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा, "सरकार जो भी करते हैं वह लोकतंत्र है और विपक्ष जो भी करता है वह अपराध है।" उन्होंने कहा कि निलंबन ऐसे समय में किया गया जब विपक्ष ने राज्य के बजट का विश्लेषण करना शुरू कर दिया था।
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