'पुरस्कारों से घिन आने लगी है', अब विनेश फोगाट ने किया खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड लौटाने का ऐलान

रेसलर विनेश फोगाट ने प्रधानमंत्री मोदी के नाम चिट्ठी लिखकर कहा है कि वह अपना मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन अवार्ड वापस कर रही हैं। इस हालत में पहुंचाने के लिए ताकतवर का बहुत-बहुत धन्यवाद।

Dec 27, 2023 - 08:00
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'पुरस्कारों से घिन आने लगी है', अब विनेश फोगाट ने किया खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड लौटाने का ऐलान

नई दिल्ली (आरएनआई) रेसलर बजरंग पूनिया के बाद अब विनेश फोगाट ने भी पदक लौटाने को लेकर बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि वह अपना मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड वापस करने जा रही हैं। 

विनेश फोगाट ने सोशल मीडिया पर पोस्ट पर प्रधानमंत्री मोदी के नाम लिखे खत में कहा कि साक्षी मलिक ने कुश्ती छोड़ दी है और बजरंग पूनिया ने अपना पद्मश्री लौटा दिया है. देश के लिए ओलंपिक पदक मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को यह सब करने के लिए किस लिए मजबूर होना पड़ा हय सब सारे देस को पता है और आप तो देश के मुखिया हैं तो आप तक यह भी मामला पहुंचा होगा। प्रधानमंत्री जी, मैं आपके घर की बेटी विनेश फोगाट हूं और पिछले एक साल से जिस हाल में हूं, यह बताने के लिए आपको यह पत्र लिख रही हूं। 

विनेश ने कहा कि कुश्ती की महिला पलवानों ने पिछले कुछ सालों में जो कुछ भोगा है। उससे समझ आता ही होगा कि हम कितना घुट-घुटकर जी रही हैं। अब साक्षी ने भी संन्यास ले लिया है, जो शोषणकर्ता है उसने भी अपना दबदबा रहने की मुनादी कर दी है। यहां तक कि उसने बहुत भौंडे तरीके से नारे भी लगवाए हैं।

फोगाट ने कहा कि आप अपनी जिंदगी के सिर्फ पांच मिनट निकालकर उस आदमी के मीडिया में दिए गए बयानों को सुन लीजिए, आपको पता लग जाएगा कि उसने क्या-किया है। उसने महिला पहलवानों को मंथरा बताया है, महिला पहलवानों को असहज कर देने की बात सरेआम टीवी पर कबूली है और हम महिलाओं को जलील करने का कोई मौका नहीं छोड़ा है। उससे ज्यादा गंभीर ये है कि उसने कितनी महिला पहलवानों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया है। यह बहुत भयावह है।

कई बार इन सारे घटनाक्रमों को भूल जाने का प्रयास भी किया। लेकिन इतना आसान नहीं है। सर, जब मैं आपसे मिली तो यह सब आपको भी बतायआ था। हम न्याय के लिए एक साल से सड़कों पर घिसड़ रहे हैं। कोई हमारी सुध नहीं ले रहा।  हमारे मेडलों और अवॉर्डों को 15 रुपये का बताया जा रहा है। लेकिन ये मेडल हमें हमारी जान से भी प्यारे हैं। जब हमने देश के लिए मेडल जीते थे तो सारे देश ने हमें अपना गौरव बताया था। अब जब अपने न्याय के लिए आवाज उठाई है तो हमें देशद्रोही बताया जा रहा है। 

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