अब मोबाइल में ही मिलेगी नेटवर्क के कवरेज की जानकारी, TRAI ने दिया सभी कंपनियों को आदेश
TRAI ने सेवा प्रदाताओं को मासिक आधार पर कवरेज मैप्स अपडेट करने का निर्देश दिया है। यह तब भी अनिवार्य होगा जब कोई नया सेल टॉवर चालू हो, बंद हो, या किसी लाइसेंस्ड सर्विस एरिया (LSA) के नेटवर्क में परिवर्तन हो।
नई दिल्ली (आरएनआई) आमतौर पर देश के अधिकतर इलाकों में आज भी नेटवर्क कवरेज को लेकर समस्या होती है। कई बार हमें पता ही नहीं होता है और हम ऐसी जगह पर शिफ्ट हो जाते हैं जहां नेटवर्क ही नहीं होता है, लेकिन अब ऐसी दिक्कत नहीं होगी। अब आपको अपने टेलीकॉम कंपनी के मोबाइल एप में ही नेटवर्क कवरेज की पूरी जानकारी मिल जाएगी। इसके लिए टेलीकॉम रेगुलेटरी ऑथरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) ने सभी टेलीकॉम कंपनियों को आदेश दिया है।
TRAI ने निर्देश दिया है कि 2G, 3G, 4G और 5G नेटवर्क कवरेज को एक निर्धारित रंग योजना के तहत प्रदर्शित किया जाए। प्रत्येक तकनीक को एक विशिष्ट रंग में दर्शाया जाएगा। कवरेज क्षेत्र की बाहरी सीमाओं पर न्यूनतम सिग्नल स्ट्रेंथ निर्धारित की गई है, जिसे नेटवर्क की अधिकतम क्षमता के 50% लोड पर आधारित होना चाहिए। यदि किसी क्षेत्र में सिग्नल स्ट्रेंथ इस सीमा से कम है, तो उसे संबंधित तकनीक के लिए "नो कवरेज एरिया" माना जाएगा।
वेबसाइट पर कवरेज मैप्स की स्थिति:
- कवरेज मैप को टेलीकॉम प्रदाता की वेबसाइट के होमपेज पर एक-क्लिक नेविगेशन के साथ उपलब्ध कराना होगा।
- नेविगेशन बार में एक समर्पित कवरेज मैप का विकल्प देना अनिवार्य होगा, जो उपयोगकर्ता को संबंधित पेज पर ले जाए।
कवरेज मैप्स में शामिल मुख्य तत्व:
- मैप बेस लेयर: इसमें सड़क, गांव, जिला और राज्य/केंद्रशासित प्रदेश की सीमाओं के साथ स्थानों के नाम दिखाए जाएंगे।
- टेक्नोलॉजी टॉगल: यूजर्स को विभिन्न तकनीकों (2G, 3G, 4G, 5G) की कवरेज देखने का विकल्प मिलेगा। साथ ही एकीकृत कवरेज मैप देखने की सुविधा भी होगी।
- सर्च सुविधा: यूजर्स स्थान खोजने के लिए राज्य/जिला/शहर/गांव का नाम या अक्षांश और देशांतर (Latitude और Longitude) दर्ज कर सकेंगे।
- लीजेंड (Legend): मैप में अलग-अलग रंगों और जानकारी के अर्थ को समझाने के लिए उपयुक्त संकेत होंगे।
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