अब 180 दिनों का मातृत्व अवकाश, सरोगेसी से जुड़े नियमों में संशोधन; पिता को भी 15 दिन छुट्टी

मातृत्व अवकाश से जुड़े नियमों पर केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। नियमों में संशोधन के बाद अब सरोगेट और पालक, दोनों श्रेणी की माताओं को 180 दिनों तक का अवकाश मिल सकेगा। रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार के नए नियम अधिसूचित कर दिए हैं। पिता को भी 15 दिनों की छुट्टी का अधिकार होगा।

Jun 24, 2024 - 02:00
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अब 180 दिनों का मातृत्व अवकाश, सरोगेसी से जुड़े नियमों में संशोधन; पिता को भी 15 दिन छुट्टी

नई दिल्ली (आरएनआई) मातृत्व अवकाश के मामले में केंद्र सरकार ने बड़े बदलाव की पहल की है। केंद्र सरकार ने सरोगेसी से जुड़े नियमों में संशोधन किया है। सरकार के इस फैसले के बाद अब सरकारी कर्मचारियों को 180 दिनों तक की छुट्टी मिल सकेगी। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने 18 जून को इस संबंध में अधिसूचना जारी की। इसके मुताबिक केंद्र सरकार की ऐसी महिला कर्मचारी जिन्होंने सरोगेसी के जरिये संतान उत्पन्न की है, अब छह महीने मातृत्व अवकाश की हकदार होंगी। ऐसी महिला कर्मचारी के लिए कोख देने वाली महिला (सरोगेट मां) भी केंद्र की कर्मचारी होगी, तो दोनों ही मांओं को छह-छह महीने का मातृत्व अवकाश मिलेगा। हालांकि इसकी शर्त होगी कि ऐसी महिलाओं के जीवित बच्चों की संख्या दो से कम होनी चाहिए।

नए नियमों के तहत, सरोगेट मां के साथ दूसरी मां को अधिष्ठाता मां की संज्ञा दी गई है। अधिष्ठाता मां बच्चे के देखभाल के लिए दो साल के चाइल्ड केयर लीव की पात्र होगी, जो बच्चे के 18 साल का होने तक ली जा सकेगी। बच्चे का अधिष्ठाता पिता भी यदि सरकारी कर्मचारी है तो वह भी 15 दिनों के पितृत्व अवकाश का पात्र होगा। नए नियम 18 जून से लागू हो गए हैं।

केंद्र सरकार की तरफ से जारी अधिसूचना के मुताबिक सरोगेसी के जरिए बच्चों को जन्म देने वाली माताओं और बच्चों को अपनाने वाले माता-पिता की छुट्टियों की जरूरत को देखते हुए सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने कहा है कि अब सरोगेसी के मामलों में मातृत्व अवकाश 180 दिनों तक लिया जा सकेगा। केंद्र की सरकारी कर्मचारी जो सरोगेट है, उसे 180 दिनों तक छुट्टी मिल सकेगी। संशोधित नियमों की अधिसूचना कार्मिक मंत्रालय (DoPT) ने जारी कर दी है। इसके मुताबिक अब सरोगेट के साथ-साथ अधिष्ठाता माता (जैविक मां) को भी 180 दिनों की छुट्टी की सुविधा मिल सकेगी।

सरकार ने नए नियमों को प्रभावी बनाने के लिए केंद्रीय सिविल सेवा (अवकाश) नियम, 1972 में संशोधन किया है। अब इसका लाभ केंद्रीय कर्मचारियों को मिलेगा। संशोधन के मुताबिक सरोगेसी के लिए कमीशनिंग करने वाली मां, जिसके दो से कम जीवित बच्चे हैं, वह भी चाइल्ड केयर लीव पाने की पात्र होगी। इसके साथ ही सरोगेसी के लिए पितृत्व अवकाश को लेकर भी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। अब केंद्रीय कर्मचारी कमीशनिंग करने वाले पिता, जिसके दो से कम जीवित बच्चे हैं, वह बच्चे के जन्म के छह महीने के भीतर 15 दिन का पितृत्व अवकाश पाने का हकदार होगा।

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