अपने घर पर रात्रि विश्राम नहीं कर पाएंगे मोहन यादव, महाकाल की नगरी में रात नहीं गुजार सकते दो ‘राजा’
उज्जैन, (आरएनआई) मध्य प्रदेश के नए मुखिया का नाम लंबी कश्मकश के बाद तय कर दिया गया है। शिवराज सिंह चौहान की सरकार में शिक्षा मंत्री रहे मोहन यादव को विधायक दल ने अपना नेता चुनते हुए उन्हें मुख्यमंत्री पद पर सुशोभित कर दिया है। निवर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के करीबी लोगों में शामिल रहे डॉ. मोहन यादव अब प्रदेश के नए मुखिया तो हो गए हैं। लेकिन इसकी कीमत उन्हें अपने कार्यकाल के दौरान उनके अपने घर से दूर रहकर अदा करना पड़ेगी। बाबा महाकाल की नगरी से जुड़ी एक किंवदंती के चलते ये एहतियात उन्हें भी बरतनी पड़ेगी।
प्राचीनकाल से उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर की यह मान्यता रही है कि अगर कोई राजा उज्जैन में रात गुजार लेता था तो उसे अपनी सल्तनत गंवानी पड़ती थी। आज भी उज्जैन के लोगों की यही मान्यता है कि अगर कोई भी राजा, सीएम, प्रधानमंत्री या जन प्रतिनिधि उज्जैन शहर की सीमा के भीतर रात बिताने की हिम्मत करता है तो उसे इस अपराध का दंड भुगतना पड़ता है।
पौराणिक कथाओं और सिंहासन बत्तीसी के अनुसार राजा भोज के समय से ही कोई भी राजा उज्जैन में रात्रि निवास नहीं करता है, क्योंकि आज भी बाबा महाकाल ही उज्जैन के राजा हैं। महाकाल के उज्जैन में विराजमान होते हुए कोई और राजा, मंत्री या जन प्रतिनिधि उज्जैन नगरी के भीतर रात में नहीं ठहर सकता है। इस धारणा को सही ठहराते कई ज्वलंत उदाहरण उज्जैन के इतिहास में मौजूद हैं। देश के चौथे प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई जब महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन के बाद उज्जैन में एक रात रुके थे तो मोरारजी देसाई की सरकार अगले ही दिन ध्वस्त हो गई थी। उज्जैन में एक रात रुकने के बाद कर्नाटक के सीएम बीएस येदियुरप्पा को 20 दिनों के भीतर इस्तीफा देना पड़ा। वर्तमान केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी उज्जैन शहर में रात में नहीं रुकते हैं।
किंवदंती के अनुसार राजा विक्रमादित्य के बाद से उज्जैन के किसी भी मानव राजा ने कभी भी शहर में रात नहीं बिताई है। जिन्होंने ऐसा किया, वे आपबीती कहने के लिए जीवित नहीं थे। एमपी के होने वाले नए मुखिया डॉ. मोहन यादव मूलतः उज्जैन के ही निवासी हैं। उनकी शिक्षा, दीक्षा और बचपन सभी कुछ इस शहर की निगाह में रहा है। उज्जैन का अब्दालपुरा उनका आंगन और फ्रीगंज कर्मभूमि कहा जाता है। बीएससी और एलएलबी के साथ डॉ. यादव ने पीएचडी की डिग्री हासिल करने के लिए राजनीति विज्ञान में एमए भी किया। उनके पास एमबीए डिग्री भी मौजूद है। पिछली भाजपा सरकार के दौरान उच्च शिक्षा मंत्री रहे डॉ. मोहन यादव पेशे से वकील भी हैं। उनकी रुचि वाली गतिविधियों में पर्यटन, संस्कृति और खेल आदि भी शामिल हैं।
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