अधिकारी चापलूस अधीनस्त कर्मचारियो से दूरी बना कर रखें देवेश त्रिपाठी
शाहजहांपुर। सामान्य रूप से किसी भी संस्थान के अधिकारियों संचालकों या फिर शासन प्रशासन स्तर पर अधिकारियों को तमाम तरह का फीडबैक उनके अधीनस्थ देते हैं। इस पर उन्हें काफी कुछ विश्वास भी करना पड़ता है। जाहिर है उसी फीडबैक को मस्तिष्क मैं रख कर अधिकारी अपने कार्य का संचालन निश्चित करता है। विसंगति तब सामने आती है जब अधीनस्थ कर्मचारी अपने सुपीरियर को कुछ ऐसा फीडबैक या राय दे देते हैं जिससे कि कार्य संचालन पर विपरीत प्रभाव पड़ने लगता है और व्यवस्था पर उंगली उठने लगती है और सारी की सारी जिम्मेदारी निर्दोष अधिकारियों पर आ जाती है।
उक्त विचार विश्व हिंदू महासंघ के जिला प्रभारी श्री देवेश त्रिपाठी ने अपने सूक्ष्म साक्षात्कार में व्यक्त किए।
श्री देवेश त्रिपाठी ने कहा कि हालांकि अधिकारी इतना सक्षम होता है कि वह हालात संभाल लेता है। किंतु तब तक उसकी योग्यता समाज मीडिया और उच्च अधिकारियों के सामने एक्सपोज हो चुकी होती है।
श्री त्रिपाठी ने कहा कि किसी भी संस्थान के अधिकारी या शासन प्रशासन के अधिकारी ऐसे गैर जिम्मेदार अधिकृत कर्मचारियों को अपनी रडार पर रखते हुए उनसे दूरी बना लें और किसी भी तथ्य पर निर्णय लेने से पूर्व अधिकारी अपने विवेक से कोई भी निर्णय लें।
से त्रिपाठी ने कहा कि सरकार सदैव जनहित का कार्य करती है और आम जनता के हितों में ही नीतियां बनाती है साथ ही अधिकारी भी अपनी जिम्मेदारियों का पूर्व निर्वाहन करते हैं लेकिन कुछ निकम्मे और गैर जिम्मेदार अधीनस्थ कर्मचारी अधिकारियों को गलत मार्ग दिखाने से बाज नहीं आते हैं ताकि जनता सरकार की
नीतियों से भ्रमित हो जाए।
उन्होंने कहा कि अधिकारी गण ऐसे अधीनस्थों से ना केवल दूरी बना कर रहे बल्कि समय-समय पर उनकी सभी स्तरों की जांच करने की संस्तुति भी करते रहें।
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