अदालत में पेश हुए आतंकवादी निज्जर की हत्या के तीनों आरोपी, तीन अप्रैल को किया गया था गिरफ्तार
हरदीप सिंह निज्जर की पिछले साल हुई हत्या के मामले में तीन आरोपियों को वीडियो के जरिए अदालत में पेश किया गया। दावा किया जा रहा है कि ये तीनों भारतीय नागरिक हैं, जिन्हें तीन अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था और कथित रूप से हत्या की साजिश में शामिल थे।
ओटावा (आरएनआई) खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में आरोपी तीन भारतीय नागरिक पहली बार वीडियो के जरिए मंगलवार को कनाडा की एक अदालत के सामने पेश हुए। इन आरोपियों को पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार किया था और उन पर हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया था।
वैंकूवर सन की खबर के मुताबिक, आरोपी करण बराड़ (22 वर्षीय), कमलप्रीत सिंह (22 वर्षीय) और करनप्रीत सिंह (28 वर्षीय) कथित हिट स्क्वॉड के सदस्य हैं और ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत में सरे प्रांतीय अदालत के सामने पेश हुए। तीनों आरोपी नॉर्थ फ्रेजर प्रीट्रियल सेंटर से जल द्वारा जारी लाल टी-शर्ट, स्वेटशर्ट और स्वेटपैंट पहने हुए दिखाई दिए।
खबर में कहा गया है कि तीनों अंग्रेजी में चली अदालती कार्यवाई की सुनावई के लिए सहमत हुए और उनमें से प्रत्येक ने सिर हिलाकर जवाब दिया कि वे निज्जर की हत्या की साजिश रचने के आरोपों को समझते हैं।
इस दौरान सैकड़ों खालिस्तान समर्थक अदालत में दिखाई दिए। उन 50 लोगों को समायोजित करने के लिए अदालत के अंदर एक अलग रूम खोला गया था, जो सुनवाई को देखना चाहते थे। अदालत के बाहर करीब सौ लोगों ने खालिस्तान के झंडे लहराए और सिख अलगाववाद के समर्थन में पोस्टर ले रखे थे। कनाडा के नागरिक निज्जर की 18 जून 2023 को हत्या कर दी गई थी।
आरोप के मुताबिक, एक मई 2023 से निज्जर की हत्या की तारीख के बीच सरे और एडमोंटन दोनों साजिश रची गई। स्थानीय पुलिस के मुताबिक, कथित हत्यारों ने पिछले पांच वर्षों में कनाडा में प्रवेश किया और उन पर नशीले पदार्थों तस्करी और हिंसा में शामिल होने का शक था।
भारत ने निज्जर की हत्या पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की टिप्पणियों को गुरुवार को खारिज कर दिया था और कहा था कि उनकी टिप्पणी अलगाववाद, चरमपंथ और हिंसा को कनाडा की राजनीति में दी गई जगह को दिखाती है। ट्रूडो ने रविवार को टोरंटो में खालसा दिवस कार्यक्रम को संबोधित किया था, जिसमें कुछ खालिस्तानी आतंकवादी शामिल हुए थे।
ट्रूडो ने पिछले साल सितंबर में आरोप लगाया था कि निज्जर की हत्या में भारतीय एंजेट शामिल हो सकते हैं। भारत ने ट्रूडो के आरोपों को बेतुका और प्रेरित बताते हुए खारिज कर दिया था। इसके बाद दोनों देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए।
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