अदालत ने जरांगे के खिलाफ रद्द किया गैर जमानती वारंट, 2013 में दर्ज कराई गई थी धोखाधड़ी की शिकायत
अदालत ने वकील हर्षद निंबालकर के आवेदन को स्वीकार कर लिया और जरांगे के खिलाफ गैर जमानती वारंट को रद्द कर दिया। बता दें कि जरांगे और अन्य दो के खिलाफ 2013 में भारतीय दंड संहिता की धारा 420 और 406 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
मुंबई (आरएनआई) महाराष्ट्र में पुणे की एक अदालत ने धोखाधड़ी मामले में कार्यकर्ता मनोज जरांगे के खिलाफ जारी गैर-जमानती वारंट को रद्द कर दिया। न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत ने 2013 में धोखाधड़ी के एक मामले में जरांगे के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। दरअसल, 23 जुलाई को वह अदालत में पेश नहीं हो पाए थे। उन्हें शुक्रवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया। जरांगे के वकील हर्षद निंबालकर ने गैर जमानती वारंट को रद्द करने की मांग करते हुए एक आवेदन दायर किया।
अदालत ने वकील हर्षद निंबालकर के आवेदन को स्वीकार कर लिया और जरांगे के खिलाफ गैर जमानती वारंट को रद्द कर दिया। बता दें कि जरांगे और अन्य दो के खिलाफ 2013 में भारतीय दंड संहिता की धारा 420 और 406 के तहत मामला दर्ज किया गया था। जरांगे और सह-आरोपी ने 2012 में शिकायतकर्ता से संपर्क किया था और उसे 30 लाख रुपये की पेशकश की थी।हालांकि, 16 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया था और शेष रुपये को लेकर कुछ विवाद हो गया, जिसे लेकर शिकायत दर्ज कराई गई थी। इसके बाद ही अदालत ने पुलिस को मामला दरिज करने के लिए कहा था।
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