अत्यंत सहज, सरल, उदार व परोपकारी थे संत राम दास महाराज : श्रवणानंद सरस्वती महाराज
वृन्दावन।दावानल कुंड क्षेत्र स्थित करह आश्रम में विजय राघव सरकार ट्रस्ट के तत्वावधान में अनन्तश्री विभूषित करह बिहारी सरकार बाबा राम दास महाराज के 19 वें अष्टदिवसीय सियपिय मिलन महोत्सव के अंतर्गत अष्टोत्तरशत श्रीराम चरित मानस पाठ, श्रीभगवान्नाम संकीर्तन,अखंड चौबीस चौपाई पाठ एवं रूद्राभिषेक आदि के कार्यक्रम अत्यंत श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ हो रहे हैं।
साथ ही संत-विद्वान आशीर्वचन समारोह में अनेकों प्रख्यात संत-विद्वान एवं धर्माचार्य अपने आशीर्वचन भक्तों - श्रृद्धालुओं को श्रवण करा रहे हैं।
इसी के अंतर्गत जगतगुरु अनिरुद्धाचार्य महाराज व अखंडानंद आश्रम के महंत स्वामी श्रवणानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि संत प्रवर बाबा राम दास महाराज संत समाज के गौरव थे।से अत्यंत सहज, सरल, उदार व परोपकारी थे।
श्रीरंगलक्ष्मी संस्कृत महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डॉ. रामकृपालु त्रिपाठी व वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि बाबा रामदास महाराज नर सेवा को ही नारायण सेवा मानते थे।वे बिना किसी की सहायता के स्वयं ही निश्वार्थ भाव से मानवता की सेवा के लिए समर्पित थे।
करह आश्रम के प्रबन्धक बड़े भगतजी महाराज व संत दीनबन्धु दास महाराज(करह) ने कहा कि हमारे सदगुरुदेव पूज्य बाबा रामदास महाराज निस्पृह एवं समन्वयवादी संत थे।वे सभी सम्प्रदाय के संतों का आदर करते थे,परंतु स्वयं इसकी चाह नहीं रखते थे।उन जैसी पुण्यात्माओं से ही पृथ्वी पर धर्म व अध्यात्म का अस्तित्व है।
भागवताचार्य पंडित विवेककृष्ण शास्त्री व अभयराम दास महाराज ने कहा कि संत शिरोमणि बाबा राम दास महाराज ने सनातन धर्म व प्रभु भक्ति की लहर को समूचे देश में प्रवाहित कर असंख्य व्यक्तियों का कल्याण किया।ऐसे दिव्य संतों को बारंबार प्रणाम करते हैं।साथ ही प्रभु से यह मंगल कामना करते हैं कि उन जैसे संतों का सानिध्य सनातन धर्मावलंबियों को प्राप्त होता रहे।
इस अवसर पर पंडित बिहारीलाल वशिष्ठ, महंत किशोरी शरण भक्तमाली, राम अवतार (भगतजी), प्राचार्य अनिल शास्त्री महाराजा, जगमोहन राजौरिया, दिनेश बाबा, अनुराग शास्त्री, युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा,पंडित ईश्वरचंद्र रावत, दिनेशचंद्र शास्त्री आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।संचालन संत सेवानंद ब्रह्मचारी ने किया।
इससे पूर्व प्रातःकाल प्रख्यात रासाचार्य स्वामी फतेहकृष्ण शर्मा के निर्देशन में रासलीला का अत्यंत नयनाभिराम व चित्ताकर्षक मंचन किया गया।रात्रि को सुमधुर भजन संध्या का आयोजन हुआ।
महोत्सव के अंतर्गत नित्यप्रति संत, ब्रजवासी, वैष्णव सेवा एवं वृहद भंडारे का आयोजन किया जा रहा है।
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