अतिथि शिक्षकों के प्रदर्शन से झुका शिक्षा विभाग, बैठक में मांगों पर बनी सहमति
राजधानी भोपाल में हजारों अतिथि शिक्षकों ने मंगलवार को जोरदार प्रदर्शन किया जिसका असर देखने को मिला है। विभाग की बैठक में 8 मांगों पर सहमति बनी है। इधर कमलनाथ भी अतिथि शिक्षकों का समर्थन किया है।
भोपाल (आरएनआई) राजधानी भोपाल में हजारों अतिथि शिक्षकों द्वारा एक दिन पहले किया गया प्रदर्शन का असर बुधवार को देखने को मिला है। दरअसल अतिथि शिक्षक सीएम हाउस को घेरने की कोशिश की थी। शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर भोपाल के अंबेडकर पार्क से सीएम हाउस तक तिरंगा यात्रा निकाली ली। जिसके बाद शिक्षा विभाग के साथ अतिथि शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल की बैठक हुई और आठ मांगों पर सहमति हुई है। शिक्षा विभाग ने नियमितीकरण को छोड़कर अन्य मांगों पर सहमति बनी है। हालांकि बैठक में अतिथि शिक्षक अपनी मांग पर अड़े थे, लेकिन शिक्षा विभाग ने बीच का रास्ता निकालकर शिक्षकों के कुछ मुद्दों पर सहमति दी है। इधर पूर्व सीएम कमलनाथ भी अथिति शिक्षको का समर्थन करते हुए सरकार को घेरा है।
1. अतिथि शिक्षकों का 10 माह का सेवाकाल,अनुबंध।
2. बीच सत्र में नहीं होगे बाहर रिक्त पद नही माना जायेगा।
3. स्कोर कार्ड में अनुभव के प्रति वर्ष 10 अंक और अधिकतम 15 वर्षो के 150 अंक एक समान जोड़े।
4. रिटायर्ड शिक्षकों की भांति स्कोर कार्ड में अनुभव अंक जोड़ा जाए।
5. उच्चपद प्रभार,स्थानांतरण,सीधी भर्ती हेतु अतिशेष शिक्षको के कारण बाहर हुए अतिथि शिक्षकों को चॉइस फीलिंग में प्राथमिकता दी जाए।
6. संस्कृत SSS -1 स्कोर कार्ड वाले अतिथि शिक्षकों को संस्कृत SSS-2 में नियुक्ति का ऑप्शन स्कोर कार्ड में अंकित हो।
7. सत्र 2023-24 में 30% से कम परीक्षा परिणाम देने वाले अतिथि शिक्षकों को सत्र 2024-25 में नियुक्ति हेतु एक मौका दिया जाए।
8. जनजातीय का भी ऑनलाइन पोर्टल बनाया जायेगा।
अतिथि शिक्षकों ने एक दिन पहले मंगलवार को राजधानी भोपाल में जोरदार प्रदर्शन किया था। जिसके बाद उन्हे चारों तरफ से समर्थन मिला था। कांग्रेस समते सभी पार्टियों के नेता उनकी तस्वीर पोस्ट कर सरकार को जम कर घेरा था जिसके बाद सरकार को झुकना पड़ा है। शिक्षकों का कहना है कि वे अपने भविष्य की चिंता को लेकर मजबूर है। कई अतिथि शिक्षक की तंगी हालातों का समाना कर रहे है। तो कई शिक्षक आत्महत्या कर चुके है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अतिथि शिक्षकों के लिए भाजपा में शामिल हुए थे। वर्तमान में उनकी सरकार है, लेकिन इसके बाद भी शिक्षकों की हालत जस के तस है। पिछली सरकार ने हमें नियमित करने का वादा किया था, लेकिन इस सबंध में कोई आदेश आजतक जारी नहीं किया गया। पूर्व सीएम शिवराज सिंह ने अतिथि शिक्षकों को नियमित करने और प्रमोशन देने का भी वादा किया था, लेकिन उसका भी कुछ नहीं हुआ।
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