अडाणी समूह को भारतीय बैंकों का कर्ज अधिक नहींः फिच रेटिंग्स
रेटिंग एजेंसी फिच ने मंगलवार को कहा कि शेयर बाजार में भारी गिरावट का सामना कर रही अडाणी समूह की कंपनियों को भारतीय बैंकों का कर्ज इतना अधिक नहीं है कि उनके ऋण पोर्टफोलियो के लिए कोई ठोस जोखिम पैदा हो।
नयी दिल्ली, 7 फरवरी 2023, (आरएनआई)। रेटिंग एजेंसी फिच ने मंगलवार को कहा कि शेयर बाजार में भारी गिरावट का सामना कर रही अडाणी समूह की कंपनियों को भारतीय बैंकों का कर्ज इतना अधिक नहीं है कि उनके ऋण पोर्टफोलियो के लिए कोई ठोस जोखिम पैदा हो।
अमेरिकी निवेश शोध फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की प्रतिकूल रिपोर्ट आने के बाद से अडाणी समूह के शेयरों में तगड़ी गिरावट आई है। इसकी वजह से भारतीय बैंकों के समूह को दिए गए कर्ज को लेकर भी आशंका जताई जाने लगी है।
फिच रेटिंग्स ने इस संदर्भ में अपनी एक टिप्पणी में कहा, ‘अडाणी समूह को भारत के बैंकों का कर्ज अपने-आप में इतना अधिक नहीं है कि बैंकों के ऋण प्रोफाइल को किसी तरह का ठोस जोखिम पैदा हो सके।’
बैंकों की रेटिंग इस उम्मीद पर आधारित होती है कि उन्हें कर्ज फंसने की स्थिति में जरूरत पड़ने पर असाधारण सरकारी समर्थन मिल जाएगा।
फिच रेटिंग्स ने तीन फरवरी को भी कहा था कि अडाणी समूह की कंपनियों एवं शेयरों से संबंधित उसकी रेटिंग पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट का तत्काल कोई असर नहीं पड़ेगा।
फिच ने कहा, ‘अगर अडाणी समूह के बड़े हिस्से के तनावग्रस्त होने की काल्पनिक स्थिति में भी भारतीय बैंकों का कर्ज जोखिम प्रबंधन-योग्य होगा और इन बैंकों की व्यवहार्यता रेटिंग पर भी उसका कोई प्रतिकूल परिणाम नहीं होगा।’
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि फिच रेटिंग वाले भारतीय बैंकों की कुल उधारी में अडाणी समूह की सभी कंपनियों की हिस्सेदारी 0.8-1.2 प्रतिशत है जो कि कुल इक्विटी का करीब 7 से 13 प्रतिशत है।
हालांकि फिच ने कहा कि अडाणी समूह से संबंधित कुछ ऐसे गैर-पोषित कर्ज हो सकते हैं जिनकी जानकारी नहीं दी गई हो। लेकिन रेटिंग एजेंसी को ऐसी होल्डिंग के वितरित कर्ज की तुलना में कम ही रहने की उम्मीद है।
इसी के साथ रेटिंग एजेंसी ने ऐसे जोखिम को लेकर आगाह भी किया है कि इस विवाद का असर व्यापक हो जाए और भारत की साख पर असर डाले।
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