अजित पवार के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले युगेंद्र ने EC में जमा करवाए 9 लाख रुपये, सामने आई बड़ी वजह
शरद पवार के भतीजे युगेंद्र पवार ने वीवीपेट वेरिफिकेशन के लिए चुनाव आयोग को आवेदन दिया है। चुनाव नतीजों के 7 दिन बाद तक कोई भी उम्मीदवार अपने विधानसभा क्षेत्र की वीवीपेट वेरिफिकेशन के आवेदन कर सकता है।
मुंबई (आरएनआई) महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजे आने के बाद महायुति में सीएम पद को लेकर पेंच फंसा हुआ है। इस बीच खबर है कि चुनाव नतीजों को लेकर कई उम्मीदवारों ने ईवीएम के माइक्रोकंट्रोलर के वेरिफिकेशन के लिए आवेदन दायर किए हैं। पुणे के 21 में से 11 उम्मीदवार आधिकारिक तौर पर माइक्रोकंट्रोलर की दोबारा जांच के लिए चुनाव आयोग में एप्लीकेशन दायर की है। बारामती सीट से एनसीपी एसपी के उम्मीदवार युगेंद्र पवार ने 19 ईवीएम के माइक्रोकंट्रोलर को सत्यापित करने के लिए जिला प्रशासन के पास एक आवेदन दायर किया है। इसके लिए उन्होंने 8 लाख 96 हजार रुपये का भुगतान किया है।
युगेंद्र पवार के अलावा हडपसर उम्मीदवार प्रशांत जगताप और पुणे कैंट से कांग्रेस के उम्मीदवार रमेश बागवे शामिल हैं। ईवीएम सत्यापन के लिए चुनाव नतीजे घोषित होने के 7 दिनों के अंदर आवेदन करना होता है। ऐसे में 30 नवंबर इसकी आखिरी तारीख थी। पूरे जिले से 137 ईवीएम सेटों में माइक्रोकंट्रोलर के सत्यापन के लिए सभी उम्मीदवारों ने मिलकर 66 लाख 64 हजार रुपये का भुगतान किया है। सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों के अनुसार जो उम्मीदवार संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों में तीसरे स्थान पर रहते हैं, वे अपने विधानसभा क्षेत्र में इस्तेमाल की गई इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन के 5 प्रतिशत माइक्रोकंट्रोलर की जांच के लिए कह सकते हैं।
जिला चुनाव अधिकारियों ने पुष्टि की है कि उन्होंने सत्यापन के लिए आए अनुरोधों को राज्य चुनाव आयोग के पास भिजवा दिया है। ऐसे में माइक्रोकंट्रोलर की जांच कड़ी निगरानी में की जाएगी। जिसमें उम्मीदवार, वीवीपैट निर्माण कंपनियों के इंजीनियर शामिल होंगे। प्रशांत जगताप ने अपने विधानसभा क्षेत्र की 27 ईवीएम की वेरिफिकेशन की मांग की है, इसके लिए उन्होंने 12 लाख का भुगतान किया है।
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