अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल बनने की ओर गुमनाम अंबोली हिल स्टेशन
शनिवार 12 अगस्त को अंबोली वर्षा महोत्सव का शुभारंभ किया गया। यह कार्यक्रम 16 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान राज्य के प्राथमिक शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने कहा कि अंबोली समुद्री तट से लेकर मनोरम पहाड़ियों के बीच बसा है। ऐसा प्राकृति नजारा केवल श्रीलंका में है। इसलिए इसे अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की हर संभावनाएं मौजूद हैं।
महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में सह्याद्री पर्वत की दक्षिणी शृंखला में स्थित गुमनाम सा अंबोली हिल स्टेशन अब अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित होने की ओर अग्रसर है। मुंबई से करीब 550 किलोमीटर दूर गोवा पहुंचने से पहले अंबोली महाराष्ट्र का आखिरी हिल स्टेशन है जहां रेगिस्तान और बर्फ के अलावा सबकुछ है। इसे विश्व पर्यटन के मानचित्र पर उकेरने का प्रयास शुरू किया गया है।
सिंधुदुर्ग देश का एकमात्र ऐसा जिला है, जिसे पर्यटन जिला घोषित किया गया है। सिंधुदुर्ग का अंबोली हिल स्टेशन झरनों, वनस्पतियों और जैव विवधताओं से भरपूर हैं। चेरापूंजी के बाद अंबोली में सर्वाधिक वर्षा होती है। इसलिए इसे महाराष्ट्र का चेरापूंजी भी कहा जाता है। प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर आंबोली में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ग्राम पंचायतों को माध्यम बनाया जा रहा है।
शनिवार 12 अगस्त को अंबोली वर्षा महोत्सव का शुभारंभ किया गया। यह कार्यक्रम 16 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान राज्य के प्राथमिक शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने कहा कि अंबोली समुद्री तट से लेकर मनोरम पहाड़ियों के बीच बसा है। ऐसा प्राकृति नजारा केवल श्रीलंका में है। इसलिए इसे अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की हर संभावनाएं मौजूद हैं।
केसरकर ने कहा कि ट्रैकिंग, पर्वतारोहण, रॉक क्लाइबिंग, वैली क्रासिंग और स्कूबा ड्राईविंग जैसा साहसिक पर्यटन सिधुदुर्ग में मौजूद है। वहीं, मराठा इतिहास से संबंधित समुद्री किले और कई प्राचीन श्रीराम मंदिर व शिवमंदिर भी हैं जिसमें से हिरण्याकेशी शिवमंदिर प्रमुख है। इस मंदिर की गुफा से एक धारा निकलती है जो कृष्णा नदीं में मिलती है। घने जंगलों और गहरी घाटियों के बीच नागरता झरना, सूर्यास्त प्वाइंट, परीक्षित प्वाइंट आदि कई खूबसूरत स्थान है।
अंबोली को दुनिया के सबसे अच्छे हॉटस्पॉट में से एक माना जाता है। इसलिए पर्यटन निदेशालय और महाराष्ट्र राज्य पर्यटन विभाग सिंधुदुर्ग को एक अंतर्राष्ट्रीय केंद्र बनाने की दिशा में प्रयासरत है। अंबोली पहुंचने के लिए एन एच 17 सड़क मार्ग है तो मुंबई से गोवा जाने वाली ट्रेने भी सिंधुदुर्ग, कणकवली, कुडाल और सावंतवाड़ी होकर गुजरती है। इसलिए मुंबई से गोवा वंदे भारत को सिंधुदुर्ग स्टेशन पर ठहराव देने की मांग की जा रही है।
अंबोली गांव की कुल आबादी 4004 है और यहां के युवाओं में सेना का जबरदस्त क्रेज है। इस गांव के चार सैनिक शहीद हो चुके हैं जिसमें से पांडुरंग गावडे शौर्यचक्र से सम्मानित हुए हैं। अंबोली की सरपंच सावित्री पालेकर बताती हैं कि गांव में 200 पूर्व सैनिक हैं जबकि 50 लोग अब भी सेना में कार्यरत हैं। पर्वतारोही व एडवेंचर गाइड शैलेष चव्हाण बताते हैं कि अंबोली केवल मानसून में ही नहीं बल्कि 12 महीने पर्यटन के लिए बेहद उपयुक्त स्थान है।
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