अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत की ऊंची छलांग, पहला रियूजेबल हाइब्रिड रॉकेट लॉन्च
रियूजेबल हाइब्रिड रॉकेट को चेन्नई के थिरुविदानधई से मोबाइल लॉन्च की मदद से लॉन्च किया गया। रॉकेट ने 3 क्यूब सैटेलाइट्स और 50 PICO सैटेलाइट्स को सफलतापूर्वक सब-ऑर्बिटल ट्रैजेक्टरी में स्थापित किया।
चेन्नई (आरएनआई) अंतरिक्ष क्षेत्र में एक बार फिर भारत ने कमाल कर दिखाया है। दरअसल भारत ने अपने पहले रियूजेबल हाइब्रिड रॉकेट को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। इस रॉकेट को RHUMI 1 नाम दिया गया है और इसे तमिलनाडु स्थित स्टार्टअप कंपनी स्पेस जोन इंडिया और मार्टिन ग्रुप ने मिलकर विकसित किया है। रियूजेबल हाइब्रिड रॉकेट को चेन्नई के थिरुविदानधई से मोबाइल लॉन्च की मदद से लॉन्च किया गया। रॉकेट ने 3 क्यूब सैटेलाइट्स और 50 PICO सैटेलाइट्स को सफलतापूर्वक सब-ऑर्बिटल ट्रैजेक्टरी में स्थापित किया।
इस रियूजेबल हाइब्रिड रॉकेट CO2 ट्रिगर पैराशूट सिस्टम लगा है। इसकी मदद से रॉकेट के विभिन्न कंपोनेंट सुरक्षित समुद्र पर वापस लैंड कर सकते हैं। इसके चलते अंतरिक्ष लॉन्च की लागत कम होगी। अंतरिक्ष क्षेत्र के अलावा इस हाइब्रिड रॉकेट से कृषि, पर्यावरण निगरानी और आपदा प्रबंधन जैसे कामों में भी मदद मिलेगी। इस रॉकेट का एयर फ्रेम कार्बन फाइबर, ग्लास फाइबर से बना है। साथ ही इसमें पाइरो तकनीक से विकसित पैराशूट भी लगा है। रॉकेट के साथ अंतरिक्ष में भेजी गईं तीन क्यूब सैटेलाइट्स वातावरणीय स्थितियों जैसे कॉस्मिक रेडिएशन, यूवी रेडिएशन और वायु की गुणवत्ता की समीक्षा कर सकेंगी।
स्पेस जोन वन कंपनी के सीईओ आनंद मेगालिंगम ने बताया कि इस रॉकेट की मदद से रेडिएशन स्तर, वाइब्रेशन और तापमान आदि का डाटा इकट्ठा किया जा सकेगा। मेगालिंगम ने इस प्रोजेक्ट में मदद के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन को धन्यवाद दिया। दावा किया जा रहा है कि हाइब्रिड रॉकेट में मौजूद तकनीक का इस्तेमाल मिसाइल तकनीक को विकसित करने में भी किया जा सकता है।
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