अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस
अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस हर साल ९ दिसंबर को दुनियाभर में मनाया जाता है।
भ्रष्टाचार सब से जटिल सामाजिक , राजनीतिक और आर्थिक समस्याओं में से एक है ।
हम हर साल भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने के लिए ९ दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस मनाते है।
भ्रष्टाचार क्या है ?
भ्रष्टाचार से सम्बंधित विस्तृत जानकारी जानने से पूर्व सब से
पहले ये अत्यधिक जानना जरूरी है की भ्रष्टाचार क्या है ?
आम शब्दो मे कहे तो भ्रष्टाचार का मतलब है की कानून व जायज और नाजायज काम करने के लिए दिया गया अनुचित लाभ को ही हम भ्रष्टाचार कहते हैं।
साधारण तौर पर कहे तो एक व्यक्ति अपना काम अधिक रकम से करवाते है जिसको ही हम भ्रष्टाचार कहते है ।
भ्रष्टाचार के प्रकार
• टैक्स चोरी करना
• रिश्वत खोरी
• कालाबाजारी
• घुस देना
• नाजायज फायदा उठाना
जिसका उदेश्य ही गलत हो बुराई को बढ़ावा देते हो । यु कहे तो भ्रष्टाचार का एक मात्र बुराई भी है । जिससे देश में महंगाई , गरीबी , बेरोजगार की समस्याएं बढ़ रही है ओर भ्रष्टाचार से किसी भी देश की तरक्की कभी भी नहीं हो सकती है । भ्रष्टाचार के ऎतिहासिक कारण द्वितीय युद्ध का एक घातक परिणाम था । मुद्रारस्फीति ने भ्रष्टाचार को और मजबूत बना दिया था । स्वतंत्रता के बाद बड़ी संख्या में अंग्रेज और मुसलमान अधिकारी ने भारत छोड़ा था ।
भ्रष्टाचार के आर्थिक कारण
कोरोना बीमारी के बाद महंगाई के स्तर की बढ़ोतरी हो रही है ।
जिससे कर्मचारी के वार्षिक आय में काफी कमी आई है और इससे जीवन स्तर प्रभावित हुआ है । भ्रष्टाचार का सब से बड़ा खतरा आर्थिक परिस्थिति पर ही आता है । जिससे आम लोगो की जिंदगी में इसका सबसे बड़ा असर आता है । एक अनुमान के मुताबिक, दुनिया भर में प्रतिवर्ष १ ट्रिलियन डॉलर अर्थात तकरीबन ७० लाख करोड़ रुपये प्रतिवर्ष घूस के तौर पर दिया जाता है। वहीं भ्रष्टाचार के माध्यम से करीब ३००
लाख करोड़ रुपये की हर साल चोरी की जाती है जो दुनिया भर की जीडीपी का करीब पांच फीसदी है।
आंकड़ो के मुताबिक दुनिया के भ्रष्ट देशों मे इराक , नोरथकोरिया ,वेनेजुएला, सोमालिया और अफगानिस्तान हैं।
विश्व में भ्रष्टाचार के मामले मे भारत का ८५ रैंक है ।
भ्रष्टाचार दूर करने के उपाय :-
१। लोकपाल कानून लागू करने के लिए आवश्यक है।
२। संक्षिप्त और कारगर कानून हो ।
३। ना ही कोई रिश्वत ले और ना ही कोई रिश्वत दे।
४। प्रशासनिक मामलों में पारदर्शिता बनाए और जनता को भागीदार बनाए ।
५। न्यायालय मे मामलो का यथा संभव जल्दी निपटारा हो ।
६। प्रशासनिक काम यह उपयोगी बनाने के लिए आवश्यक है, लोकपाल स्वतंत्र रूप से कार्य करता रहे ।
७। कानून और सरकार पर से लोगों की मानसिकता बदलने कि आवश्यकता है।
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