VVPAT से हर वोट के सत्यापन की मांग वाली अर्जियों पर फैसला आज

बुधवार को फैसला सुरक्षित रखते हुए शीर्ष कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि वह चुनाव को नियंत्रित नहीं कर सकता, न ही एक सांविधानिक निकाय के लिए नियंत्रक अथॉरिटी के रूप में कार्य कर सकता है।

Apr 26, 2024 - 00:27
 0  756
VVPAT से हर वोट के सत्यापन की मांग वाली अर्जियों पर फैसला आज

नई दिल्ली (आरएनआई) ईवीएम का उपयोग कर डाले गए वोटों का वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल या वीवीपीएटी के साथ पूर्ण सत्यापन की मांग करने वाली याचिकाओं पर शुक्रवार यानी आज सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा। दो दिन की लगातार सुनवाई के बाद पीठ ने 18 अप्रैल को याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। हालांकि, बुधवार को शीर्ष कोर्ट ने इस मामले को फिर से सूचीबद्ध किया था। तब शीर्ष कोर्ट ने अदालत से चुनाव आयोग से कुछ बातों को लेकर स्पष्टीकरण मांगा था। जिसके बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। 

फैसला सुरक्षित रखने के बाद आज जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ इस पर फैसला सुना सकती है। बुधवार को फैसला सुरक्षित रखते हुए शीर्ष कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि वह चुनाव को नियंत्रित नहीं कर सकता, न ही एक सांविधानिक निकाय के लिए नियंत्रक अथॉरिटी के रूप में कार्य कर सकता है। गलत काम करने वाले के खिलाफ कानून के तहत नतीजे भुगतने के प्रावधान हैं। कोर्ट सिर्फ संदेह के आधार पर परमादेश नहीं दे सकता।

अदालत ने कहा कि वह मतदान मशीनों के फायदों पर संदेह करने वालों और मतपत्रों पर वापस जाने की वकालत करने वालों की विचार प्रक्रिया को नहीं बदल सकती। इसके अलावा बुधवार को फैसला सुरक्षित रखते हुए पीठ ने उप चुनाव आयुक्त नितेश व्यास को कोर्ट में बुलाकर पांच मुद्दों पर स्पष्टीकरण मांगा था। कोर्ट ने कहा, हमने ईवीएम के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल देखे हैं। हम तीन-चार चीजों पर स्पष्टीकरण चाहते हैं। हम तथ्यात्मक रूप से गलत नहीं होना चाहते बल्कि अपने निर्णय में दोहरा सुनिश्चित होना चाहते हैं और इसलिए यह स्पष्टीकरण मांग रहे हैं। पीठ ने जिन पांच सवालों के जवाब मांगे थे उनमें यह भी शामिल था कि क्या ईवीएम में लगे माइक्रोकंट्रोलर रिप्रोग्रामेबल हैं।

इस पर व्यास ने कोर्ट को बताया था कि ईवीएम की तीनों यूनिट, मतदान, कंट्रोल व वीवीपीएटी में माइक्रोकंट्रोलर लगे हैं। फिजिकली उन तक नहीं पहुंचा जा सकता। इन्हें एक बार ही प्रोग्राम किया जा सकता है। उन्होंने कहा, ईवीएम मशीनों को आमतौर पर 45 दिनों के लिए सुरक्षित रखा जाता है। चुनाव याचिका दायर करने की स्थिति में समयसीमा बढ़ा दी जाती है। व्यास ने पहले भी कोर्ट को ईवीएम की कार्यप्रणाली की जानकारी दी थी।

Follow RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB2X

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

RNI News Reportage News International (RNI) is India's growing news website which is an digital platform to news, ideas and content based article. Destination where you can catch latest happenings from all over the globe Enhancing the strength of journalism independent and unbiased.