RTI की हत्या, लोकतंत्र पर वार! मोदी सरकार ने पारदर्शिता पर कसा शिकंजा
एमपी (आरएनआई) मोदी सरकार ने RTI एक्ट को कमजोर कर दिया, ताकि जनता भ्रष्टाचार उजागर न कर सके! अब अगर कोई पत्रकार या RTI एक्टिविस्ट सरकारी घोटालों का पर्दाफाश करेगा, तो उस पर 500 करोड़ तक का जुर्माना लग सकता है!
RTI में संशोधन कर कोई भी व्यक्तिगत सूचना छुपाने का अधिकार सरकार को दे दिया गया!
बैंक घोटाले, राशन कार्ड फ्रॉड, वोटर लिस्ट धांधली की जानकारी अब "पर्सनल डेटा" बताकर देने से इनकार किया जाएगा!
खोजी पत्रकारिता पर डिजिटल डेटा प्रोसेसिंग के बहाने भारी जुर्माना लग सकता है!
मोदी सरकार जिसे चाहेगी, उसे डेटा प्रोटेक्शन एक्ट से बाहर कर देगी, लेकिन बाकी सब पर ये कानून लागू होगा!
सरकारी बोर्ड तय करेगा कि कौन सा खुलासा ‘अवैध’ है और किस पर कितनी पेनल्टी लगेगी!
यानी, अब जनता को सरकार से सवाल पूछने का भी हक नहीं! RTI को बर्बाद कर, मोदी सरकार ने भ्रष्टाचारियों को बचाने का कानून बना दिया!
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