PFI को शीर्ष अदालत से झटका, प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिका खारिज
केंद्र ने आईएसआईएस जैसे वैश्विक आतंकवादी संगठनों के साथ कथित संबंधों और देश में सांप्रदायिक घृणा फैलाने की कोशिश के लिए पीएफआई पर पांच साल का प्रतिबंध लगा दिया था। इसी प्रतिबंध को पीएफआई ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
नई दिल्ली (आरएनआई) सुप्रीम कोर्ट से सोमवार को देश विरोधी गतिविधियों के लिए यूएपीए के तहत प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) को झटका लगा है। शीर्ष न्यायालय ने पीएफआई की याचिका सुनने से मना कर दिया है। पीएफआई ने याचिका में प्रतिबंध को चुनौती दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को सुनने से इनकार करते हुए कहा कि ये मामला पहले हाईकोर्ट में जाना चाहिए था। आपको हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की स्वतंत्रता है। केंद्र के प्रतिबंध की पुष्टि करने वाले यूएपीए ट्रिब्यूनल के आदेश के खिलाफ पीएफआई ने याचिका दाखिल की थी, जिसे खारिज कर दिया गया।
न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने कहा कि पीएफआई के लिए सही होगा कि वह न्यायाधिकरण के आदेश के खिलाफ पहले हाईकोर्ट का रुख करे। वहीं, पीएफआई की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने अदालत के इस विचार से सहमति जताई कि संगठन को पहले हाईकोर्ट का रुख करना चाहिए था और फिर शीर्ष अदालत में आना चाहिए था।
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