OpenAI की पोल खोलने वाले भारतीय इंजीनियर सुचिर बालाजी की मौत

ओपनएआई के लिए काम कर चुके और फिर इस कंपनी के खिलाफ आवाज उठाने वाले व्हिसलब्लोअर भारतीय-अमेरिकी एआई शोधकर्ता सुचिर बालाजी सैन फ्रांसिस्को स्थित अपार्टमेंट में मृत मिले।

Dec 14, 2024 - 09:00
 0  1.2k
OpenAI की पोल खोलने वाले भारतीय इंजीनियर सुचिर बालाजी की मौत

वॉशिंगटन (आरएनआई) अमेरिका से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। यहां के सैन फ्रांसिस्को में 26 साल के सुचिर बालाजी मृत पाए गए हैं। यह वही भारतीय अमेरिकी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) शोधकर्ता हैं, जिन्होंने ओपनएआई को लेकर दुनिया को सतर्क किया था। शुरुआती रिपोर्ट में सामने आ रहा है कि बालाजी ने आत्महत्या की है। वह अपने फ्लैट में मृत मिले। 

सैन फ्रांसिस्को पुलिस विभाग के प्रवक्ता अधिकारी रॉबर्ट रुएका ने बताया कि शुरुआती जांच के दौरान किसी गड़बड़ी का कोई सबूत नहीं मिला है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बालाजी का शव 26 नवंबर को उनके बुकानन स्ट्रीट अपार्टमेंट में मिला। उनके लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार, उन्होंने नवंबर 2020 से अगस्त 2024 तक ओपनएआई के लिए काम किया था।

बालाजी वह शख्स थे, जिन्होंने एआई में योगदान तो दिया ही था बल्कि इस कंपनी में गलत परंपराओं ओर हरकतों को लेकर मजबूत आवाज उठाई थी। दरअसल, सुचिर का कहना था कि ओपनएआई ने चैट जीपीटी बनाने के लिए बिना अनुमति के पत्रकारों, लेखकों, प्रोग्रामरों आदि के कॉपीराइटेड सामग्रियों का इस्तेमाल किया है, जिसका सीधा असर कई बिजनेसों और कारोबारों पर पड़ेगा। माना जा रहा था कि ओपनएआई के खिलाफ चल रहे कानूनी मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। 

ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन के साथ दिग्गज अरबपति एलन मस्क का भी लंबे समय से विवाद चल रहा है। ऐसे में सुचीर की मौत से जुड़े एक पोस्ट पर मस्क ने 'हम्मम' प्रतिक्रिया दी। 

ओपनएआई की स्थापना 2015 में एलन मस्क और सैम ऑल्टमैन ने मिलकर की थी। तीन साल बाद, मस्क ने ओपनएआई छोड़ दिया और एक अन्य प्रतिद्वंद्वी स्टार्ट-अप xAI की स्थापना की। पिछले महीने मस्क ने आरोप लगाया था कि ओपनएआई एकाधिकारवादी है।

अक्तूबर में सुचिर बालाजी ने आरोप लगाया था कि ओपनएआई कॉपीराइट कानून का उल्लंघन कर रहा है। उन्होंने एक मीडिया संस्थान को दिए एक इंटरव्यू में कहा था, 'अगर आप मेरी बात पर यकीन करते हैं, तो आपको बस कंपनी छोड़ देनी चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा था कि चैटजीपीटी जैसी तकनीकें इंटरनेट को नुकसान पहुंचा रही हैं। इसके अलावा, सोशल मीडिया मंच एक्स पर बालाजी ने ओपनएआई में चार साल तक काम करने के अपने अनुभव के बारे में बात करते हुए कहा था कि बहुत सारे जनरेटिव एआई उत्पादों के लिए उचित उपयोग एक बहुत ही अविश्वसनीय बचाव की तरह लगता है। बता दें, उन्होंने डेढ़ साल तक चैटजीपीटी पर ही काम किया था। 

उन्होंने कहा था, 'शुरू में मुझे कॉपीराइट, उचित उपयोग आदि के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी, लेकिन जनरेटिव एआई कंपनियों के खिलाफ दायर किए गए सभी मुकदमों को देखने के बाद मैं उत्सुक हो गया। जब मैंने इस मुद्दे को बेहतर ढंग से समझने की कोशिश की, तो मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि ओपनएआई का बिजनेस मॉडल अस्थिर (अनस्टेबल) और इंटरनेट के इकोसिस्टम के लिए बेहद नुकसानदेय है।'

Follow  RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB2

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

RNI News Reportage News International (RNI) is India's growing news website which is an digital platform to news, ideas and content based article. Destination where you can catch latest happenings from all over the globe Enhancing the strength of journalism independent and unbiased.