MP में सरकारी कर्मचारियों का रिटायरमेंट 63 साल होगा, प्रस्ताव GAD से CM तक पहुंचा
सामान्य प्रशासन विभाग ने प्रस्ताव बनाकर मुख्यमंत्री को फाइल भेज दी है, पांच साल में दूसरी बार रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाई जा रही है
भोपाल। मध्य प्रदेश में आखिरकार सरकारी कर्मचारियों का रिटायरमेंट 62 की जगह 63 वर्ष में किए जाने का फैसला होने जा रहा है। सामान्य प्रशासन विभाग ने प्रस्ताव बनाकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को फाइल भेज दी है। पांच साल में दूसरी बार रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाई जा रही है।
मध्य प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों की भर्ती जिस तेजी से होना चाहिए उससे ज्यादा रिटायर होने वाले कर्मचारियों की संख्या है। मौजूदा परिस्थितियों में सरकारी दफ्तरों में काम को अच्छे से करने के लिए अब सरकार जल्द ही रिटायरमेंट की उम्र 62 से बढ़ाकर 63 साल करने जा रही है। सूत्रों के मुताबिक इसका प्रस्ताव सामान्य प्रशासन विभाग ने तैयार करके मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यालय तक पहुंचा दिया है। अब किसी भी कैबिनेट में यह प्रस्ताव पेश करके उस पर चर्चा हो सकती है।
यहां उल्लेखनीय है कि इसके पहले 2018 में भी सरकार ने रिटायरमेंट की उम्र 60 साल से बढ़ाकर 62 साल की थी। विधानसभा चुनाव के पहले सरकार ने यह फैसला किया था। उसके पहले 1998 में भी दिग्विजय सिंह सरकार ने 58 साल की रिटायरमेंट उम्र को 60 साल किया था। हालांकि इस बार राज्य कर्मचारी कल्याण समिति ने सरकार को प्रस्ताव भेजा था कि रिटायरमेंट की उम्र को 65 साल किया जाए लेकिन इस प्रस्ताव को आंशिक रूप से मान्य किया गया। सूत्र बताते हैं कि जीएडी ने 63 साल की रिटायरमेंट का प्रस्ताव बनाकर आगे बढ़ा दिया है।
इस कारण एक समय जब सरकारी अधिकारी-कर्मचारी की संख्या साढ़े सात लाख हुआ करती थी, आज यह संख्या करीब सवा चार लाख के आसपास बची है। एक मोटे अनुमान के मुताबिक अगले तीन साल में रिटायर होने वाले कर्मचारियों की संख्या करीब ढाई लाख होगी और ऐसे में दफ्तरों में करीब दो लाख से भी कम अधिकारी-कर्मचारी बचेंगे। तीन साल में रिटायर होने वाले कर्मचारियों के लिए सेवानिवृत्ति के दौरान दी जाने वाली राशि के रूप में लगभग 70 हजार करोड़ रुपए की जरूरत भी होगी।
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