'IMF से बार-बार मदद मांगना दिखाता है कि हम नाकाम रहे' : पूर्व PM अब्बासी

पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने कहा कि आईएमएफ के साथ किए समझौतों की वजह से देश का आर्थिक विकास रुक जाता है और महंगाई बढ़ जाती है। आईएमएफ आपको जिंदा रखने में मदद करता है, लेकिन आपकी आर्थिक स्थिति बिगड़ती जाती है।

Apr 29, 2024 - 10:05
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'IMF से बार-बार मदद मांगना दिखाता है कि हम नाकाम रहे' : पूर्व PM अब्बासी

इस्लामाबाद (आरएनआई) पाकिस्तान की आर्थिक हालत किसी से छिपी नहीं है। कर्ज में डूबा देश आए दिन अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के सामने हाथ फैला देता है। कुछ दिनों पहले ही एक बार फिर इसने आईएमएफ से राहत पैकेज देने का औपचारिक अनुरोध किया। इस बीच नकदी संकट से जूझ रहे देश के पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने अपनी नाकामी को लेकर चिंता जताई है। उनका कहना है कि आईएमएफ से बेलआउट मांगने का सरकार का फैसला इस बात का सबूत है कि हम नाकाम रहे। उन्होंने जोर देकर कहा कि अर्थव्यवस्था के सभी संकेत नकारात्मक हैं।

लाहौर में रविवार को अस्मा जहांगीर सम्मेलन को संबोधित करते हुए अब्बासी ने कहा, 'आईएमएफ के साथ किए समझौतों की वजह से देश का आर्थिक विकास रुक जाता है और महंगाई बढ़ जाती है। आईएमएफ आपको जिंदा रखने में मदद करता है, लेकिन आपकी आर्थिक स्थिति हर मापदंड पर बिगड़ती जाती है।

उन्होंने कहा कि लोग अक्सर वार्षिक बजट में राहत के बारे में बात पूछते हैं। सरकारें हर चीज के लिए उधार लेना शुरू कर देती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक न्याय व्यवस्था में सुधार नहीं होता तब तक पाकिस्तान में कोई निवेश नहीं होगा।

सरकार की हालिया पहलों पर अप्रत्यक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए पूर्व पीएम अब्बासी ने कहा कि सरकारें अक्सर गरीब लोगों की मदद को आटा बांटती हैं। फिर भी इस प्रक्रिया में इसका 40 प्रतिशत गबन हो जाता है। उन्होंने कहा कि यदि राजनीतिक मुद्दे अनसुलझे रहेंगे तो उद्योग कामयाब नहीं हो सकता, क्योंकि सब कुछ आपस में जुड़ा हुआ है। यह भ्रम न रखें कि चीजें अपने आप सुधर जाएंगी।

उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि आईएमएफ के साथ किए समझौते विकास में बाधा बनते हैं और महंगाई बढ़ाते हैं। आईएमएफ के बेलआउट को आईसीयू के इलाज से जोड़ते हुए उन्होंने पाकिस्तान द्वारा बार-बार ऐसे उपायों पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि आईसीयू में लंबे समय तक रहने से बीमारी ठीक नहीं होगी। सरकार ऐसे एक रुपये की सहायता भी दिखाए, जिसका इस्तेमाल राजस्व उत्पन्न करने के लिए किया गया हो।

बलूचिस्तान नेशनल पार्टी-मेंगल के प्रमुख अख्तर मेंगल ने कहा कि पाकिस्तान में न तो मार्शल लॉ है और न ही लोकतंत्र। उन्होंने कहा कि यह हरे झंडे में छिपी तानाशाही है। सभी राजनीतिक दलों का अब राष्ट्रवादी एजेंडा है जिसमें पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज पंजाबी राष्ट्रवाद का समर्थन करती है और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी सिंध का प्रतिनिधित्व करती है। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के नेता अली अमीन गंडापुर के हालिया बयानों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यहां तक कि इमरान खान की पार्टी ने खैबर-पख्तूनख्वा राष्ट्रवाद की ओर बढ़ना शुरू कर दिया है।

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