IMF की शर्तों के कारण संकट में पाकिस्तान रेलवे की आधुनिकीकरण परियोजना
सीपीईसी के तहत बनने वाली पाकिस्तान की प्रमुख रेलवे आधुनिकीकरण परियोजनाओं में से एक अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की शर्तों के कारण संकट में फंस गई है।
इस्लामाबाद, (आरएनआई) सीपीईसी के तहत बनने वाली पाकिस्तान की प्रमुख रेलवे आधुनिकीकरण परियोजनाओं में से एक अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की शर्तों के कारण संकट में है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में शनिवार को यह जानकारी दी गई है।
देश के एक प्रमुख अखबार की खबर के मुताबिक, मेन लाइन-1 (एमएल-1) का उद्देश्य कराची से पेशावर तक फैली औपनिवेशिक युग की 1,726 किलोमीटर लंबी रेल लाइन का आधुनिकीकरण करना है, जो आईएमएफ की मंजूरी और चीन से 6.67 अरब अमेरिकी डॉलर के ऋण के लिए संप्रभु गारंटी प्रदान करने की वित्त मंत्रालय की क्षमता पर निर्भर है।
परियोजना के बजट में 32 फीसकदी की कटौती की गई है। चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) 2013 से पाकिस्तान में निर्माणाधीन ढांचे और अन्य परियोजनाओं का एक संग्रह है।
पाकिस्तान को 30 जून को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से तीन अरब डॉलर का बेलआउट पैकेज मिला था, जिसने बाद में करीब 1.2 अरब डॉलर की शुरुआती अग्रिम किस्त जारी की थी। कर्ज के बोझ तले दबे देश ने आईएमएफ को बाहरी भुगतान के लिए आठ अरब डॉलर का आश्वासन दिया था।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा कि एमएल-1 के लिए मई 2017 में 9.8 अरब डॉलर की अनुमानित लागत के लिए फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिसके लिए राष्ट्रीय आर्थिक परिषद की कार्यकारी समिति द्वारा पीसी-1 (योजना आयोग की प्रारंभिक योजना) को अगस्त 2020 में मंजूरी दी गई थी।
इस्लामाबाद में बदलती प्राथमिकताओं और सरकारों के बीच यह परियोजना उतार-चढ़ाव से गुजरी है। परियोजना की लागत अब दोनों पक्षों द्वारा 6.67 अरब अमरीकी डालर तक संशोधित की गई है।
बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व करने के लिए कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवर उल हक काकर की आगे बीजिंग की यात्रा कर सकते हैं। इस दौरान दोनों देशों द्वारा इसकी औपचारिक घोषणा करने और फ्रेमवर्क समझौते में एक परिशिष्ट पर हस्ताक्षर करने की उम्मीद है।
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