‘ICCPR की समीक्षा सफल रही’, विदेश मंत्रालय ने कहा- भारत की चौथी आवधिक रिपोर्ट पेश की
भारत की ICCPR की आवधिक समीक्षा मंगलवार को पेश की गई। विदेश मंत्रालय ने जानकारी देते हुए बताया कि जेनेवा में हुई बैठक में भारत ने सभी मुद्दों पर सफलतापूर्वक जवाब दिए हं।
नई दिल्ली (आरएनआई) नागरिक और राजनीतिक अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र-शासित अंतरराष्ट्रीय अनुबंध (ICCPR) की भारत की आवधिक समीक्षा जिनेवा में मानवाधिकार समिति के विशेषज्ञों द्वारा सफलता पूर्वक संपन्न की गई। मंगलवार को विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी।
विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा कि समीक्षा में अपने नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा और प्रचार के लिए अपने प्रयासों को बताया गया। साथ ही अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार ढांचे के साथ जुड़ने और चिंताओं को दूर करने की भारत की इच्छा के बारे में बताया गया।
ICCPR एक बहुपक्षीय संधि है, जो संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 1966 में अपनाई गई थी। यह संधि व्यक्तियों के नागरिक और राजनीतिक अधिकारों का सम्मान करने के लिए प्रतिबद्ध करती है। हालांकि 1966 में अपनाने के बाद इसे 1976 में लागू किया गया था।
भारत इसके पहले भी ICCPR की तीन समीक्षाओं से गुजर चुका है, जो कि 1997 में हुई थी।
मंगलवार को भारत के विदेश मंत्रालय ने जानकारी देते हुए बताया, ‘भारत ने आज जिनेवा में नागरिक और राजनीतिक अधिकारों पर अंतर्राष्ट्रीय अनुबंध (आईसीसीपीआर) के तहत मानवाधिकार समिति द्वारा अपनी चौथी आवधिक समीक्षा सफलतापूर्वक संपन्न की।’
भारत की आवधिक समीक्षा 15 से 16 जुलाई को जेनेवा में हुई, जिसमें भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने मानवाधिकार समिति के सदस्यों के साथ नागरिक और राजनीतिक अधिकारों से संबंधित कई मुद्दों पर बातचीत की।
विदेश मंत्रालय ने जानकारी देते हुए बताया, ''भ्रष्टाचार विरोधी उपाय, भेदभाव, महिलाओं और अल्पसंख्यकों की स्थिति, आतंकवाद विरोधी और राष्ट्रीय सुरक्षा उपाय, न्यायिक ढांचा, गोपनीयता और डेटा संरक्षण कानून, नए आपराधिक कानून जैसे कई विषयों पर समिति द्वारा सवाल पूछे गए थे। जिनके सफलता पूर्वक उत्तर दिए गए।
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