SDM के असंवेदनशील बयान से नाराज इमरती देवी, बोलीं ‘पद पर रहने लायक नहीं’, सीएम से करेंगीं शिकायत
ग्वालियर डबरा। मंगलवार को डबरा तहसील परिसर में एसडीएम कार्यालय के बाहर एक किसान द्वारा आत्महत्या का प्रयास किया गया। लोगों की सूझबूझ से किसान को बचा भी लिया गया। लेकिन जब इस घटना के बाद डबरा एसडीएम प्रखर सिंह से पत्रकारों द्वारा पूछा गया कि आगे इस तरह की घटना न हो, उसके लिए आपके क्या प्रयास रहेंगे तो उनका जवाब था “ हम हर जगह उपस्थित तो नहीं रह सकते हैं, लोग जो करना चाहें स्वतंत्र हैं”।
कांग्रेस ने कहा ‘मामा राज में मरने की आज़ादी दी जा रही’
एसडीएम का यह बयान वायरल होने के बाद अब कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा है। मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया सलाहकार पियूष बबेले ने ट्वीट कर लिखा है कि “डबरा में एक किसान आत्महत्या की कोशिश करने को मजबूर हुआ, उस पर मामा के एसडीएम ने कहा जिसको जो करना है वो करने को स्वतंत्र है। मामा राज में जीने की नहीं, मरने की आज़ादी दी जा रही है।”
‘शिवराज और महाराज से करूंगी शिकायत’
वहीं एसडीएम प्रखर सिंह द्वारा दिए गए इस बयान को लेकर लघु उद्योग निगम की अध्यक्ष और पूर्व मंत्री इमरती देवी ने भी भारी आक्रोश जताया है। इतना ही नहीं, इमरती ने एसडीएम द्वारा दिए गए इस गैर ज़िम्मेदाराना बयान पर सीएम शिवराज और ज्योतिरादित्य सिंधिया से शिकायत करने की भी बात कही है।
इमरती देवी ने पूछा एसडीएम से सवाल
इमरती देवी ने कहा की जिस पद के यह अधिकारी हैं, उस पद की जिम्मेदारी संभालना इनका काम है। चाहे फिर वह जिम्मेदारी आम इंसान को लेकर हो या किसान को लेकर। एसडीएम द्वारा अतिक्रमण को लेकर दिए गए बयान पर पूर्व मंत्री ने कहा कि अतिक्रमण तो दुनिया हटा देगी लेकिन एसडीएम साहब तो चाहे जाम लगा हो या कुछ और, अपने ऑफिस से बाहर ही नहीं निकलते हैं। एसडीएम द्वारा कोई कुछ भी करने को स्वतंत्र है वाली गई बात पर इमरती ने सवाल किया ‘तो फिर अधिकारी शहर में क्या कर रहे हैं। हमारा डबरा हर बात में खुद ही सक्षम है फिर यहां ऐसे अधिकारी की पोस्टिंग की क्या जरूरत।’ उन्होने गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि कल को अगर किसान इनके सामने पेट्रोल डालकर आग लगाएगा तब भी यह क्या बैठकर देखते ही रहेंगे और कहेंगे करो जो करना है।
एसडीएम द्वारा कहे गए शब्द बेहद निंदनीय
इमरती देवी ने कहा कि एक अधिकारी द्वारा कहे गए ऐसे शब्द बेहद ही निंदनीय हैं और मैं इसकी शिकायत सीएम शिवराज और ज्योतिरादित्य सिंधिया से निश्चित ही करूंगी। जहां एक और हमारे सीएम, हमारे महाराज सिंधिया और हम सभी जनप्रतिनिधि और जन सेवक रात में 12 बजे भी अगर किसी व्यक्ति को परेशानी हो उसके लिए मौजूद रहते हैं तो यह कर्तव्य एक अधिकारी का भी होता है। अधिकारी सिर्फ कुर्सी पर बैठकर तनख्वाह पाने के लिए नहीं होता है। अधिकारी को आमजन खासकर किसान के लिए बेहद नरम होना चाहिए और उनकी परेशानियों को तसल्ली से सुनना चाहिए। एसडीएम की बात करते हुए इमरती ने यह भी कहा कि सिर्फ अतिक्रमण हटाना ही इनका काम नहीं है, जनता की सेवा करना इनका काम है। आखिर में इमरती देवी ने कहा कि वह निश्चित तौर पर एसडीएम को डबरा से हटाने के लिए सीएम से मांग करेंगी।
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