PM मोदी ने लिया मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ की चुनावी तैयारियों का फीडबैक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 31 जुलाई से भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सांसदों से मिल रहे हैं। 10 अगस्त तक चलने वाली इन बैठकों में 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के मुद्दे पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के लोकसभा-राज्यसभा सांसदों के साथ बैठक की। दो घंटे चली इस बैठक में पीएम ने विधानसभा चुनावों को लेकर चर्चा की। पीएम ने दोनों राज्यों की सियासी गतिविधियों और जमीनी हकीकत को लेकर फीडबैक भी लिया। इस दौरान उन्होंने सांसदों को टास्क भी सौंपे। इसे तय समय सीमा के अंदर पूरे करने का निर्देश भी दिए। बैठक में भाजपा संगठन से जुड़े पदाधिकारी भी मौजूद थे। नाम न छापने के अनुरोध पर मध्यप्रदेश के सांसद ने अमर उजाला को बताया कि, प्रधानमंत्री मोदी ने सांसदों के साथ रणनीतिक रूप से बहुत गंभीर बातें साझा की हैं। दोनों सदनों के सांसदों को कुछ टास्क भी सौंपे है। इसके अलावा दोनों राज्यों की राजनीतिक गतिविधियों को लेकर फीडबैक भी लिया।
पीएम मोदी ने इस अहम बैठक में सांसदों को कई मंत्र दिए। उन्होंने सांसदों से कहा कि, केंद्र सरकार ने पिछले नौ साल में जो काम किया हैं। उनका अपने क्षेत्रों में जोर शोर के साथ प्रचार किया जाए। जबकि छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव को देखते हुए प्रदेश की कांग्रेस सरकार की कमजोरियों और भ्रष्टाचार को लोगों के बीच उजागर करे।
पीएम ने मप्र-छग के सांसदों से कहा कि, सभी सांसद उनके संसदीय क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना, मुफ्त अनाज योजना, आयुष्मान भारत योजना, उज्जवला योजना और जनधन खातों के लक्ष्यों को 100 प्रतिशत पूरा करे। जो लोग पात्र होने के बावजूद इन योजनाओं से वंचित हैं उन्हें तत्काल उन्हें जोड़ा जाए।
पीएम ने दोनों राज्यों के सांसदों से कहा, प्रत्येक सांसद को अपने क्षेत्र में पिछले 9-10 वर्षों में किए प्रमुख तीन कार्यों को जनता के दिलो-दिमाग में स्थाई रूप से स्थापित करना है। यह कार्य एयरपोर्ट, मेडिकल कॉलेज, रेल लाइन, हाइवे, रेलगाड़ी, रोजगार आदि से जुड़े होने चाहिए।
दोनों राज्यों के सांसद अपने संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले विधानसभा क्षेत्रों का दौरा करे। इस दौरान वे आम लोगों सहित प्रबुद्ध लोगों से संपर्क कर फीडबैक भी लें।
प्रत्येक सांसद को ये रिपोर्ट देनी है कि आगामी विधानसभा और लोकसभा के हिसाब वहां क्या रणनीति होनी चाहिए, क्या घोषणाएं हो सकती हैं, इसकी रिपोर्ट तैयार करनी है।
पीएम ने दोनों राज्यों के सांसदों से कहा, सर्जिकल स्ट्राइक, हाइवे, राष्ट्रीय सुरक्षा, कोरोना में 150 करोड़ टीकों का लक्ष्य पूरे करना, वंदे भारत ट्रेन, अनुच्छेद-370 को कश्मीर से हटाने, अयोध्या राम मंदिर का निर्माण आदि की जानकारी लोगों को हैं, लेकिन उनकी स्मृति में इन्हें जागृत रखना है।
बैठक में पीएम ने सांसदों को लगातार कर्म करने की सीख दी। प्रधानमंत्री ने कहा, कर्म करने पर फल खुद ही मिलेगा। उन्होंने कहा कि, अतिआत्मविश्वास में न रहें। बल्कि जमीन से जुड़कर चुनाव की तैयारियों में जुट जाएं। समय कम है, जनता का दिल जीतने में जुट जाएं। जनता के सुख दुख में बराबर का भागीदार बनें। विपक्ष का चोला बदला है, चरित्र नहीं। जनता को सावधान करने की जरूरत है। सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री ने सांसदों को जनता के बीच जाकर विपक्ष के आरोपों का काउंटर करने को भी कहा।
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 31 जुलाई से भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सांसदों से मिल रहे हैं। 10 अगस्त तक चलने वाली इन बैठकों में 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के मुद्दे पर विचार-विमर्श किया जाएगा। इसके लिए भाजपा नेताओं ने प्रधानमंत्री के साथ बैठक के लिए एनडीए सांसदों के 10 समूह बनाए हैं।
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