'PM माफी कब मांगेंगे?' शिवाजी की प्रतिमा ढहने के मामले में कांग्रेस का सवाल; शिवसेना करेगी आंदोलन
शिवसेना (यूबीटी) नेता अंबादास दानवे ने इस मामले में राज्य सरकार को घेरा। उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से पूछा कि क्या प्रतिमा की ऊंचाई को लेकर निर्णय लेने से पहले कोई वैज्ञानिक अध्ययन किया गया था। उन्होंने यह भी जानना चाहा कि किसी की महत्वकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए प्रतिमा की ऊंचाई तय तो नहीं की गई थी।
मुंबई (आरएनआई) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महाराष्ट्र दौरे के बीच कांग्रेस ने सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने के मामले में उन्हें घेरा। दरअसल, 26 अगस्त को 35 फूट ऊंची छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढह गई, जिसके बाद ही राज्य में केंद्र सरकार के खिलाफ नाराजगी तेज हो गई। जहां एक तरफ शिवसेना (यूबीटी) महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साध रही तो दूसरी तरफ कांग्रेस ने राज्य और केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू किया। इस दौरान पार्टी ने पीएम मोदी से माफी मांगने की भी मांग की। बता दें कि शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अनावरण पिछले साल नौसेना दिवस के मौके पर किया गया था।
पीएम मोदी के महाराष्ट्र दौरे के दौरान प्रदर्शन करने पर पुलिस ने कांग्रेस और अन्य पार्टी के कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया। कांग्रेस ने कई इलाकों में पोस्टर लगाए, जिसमें पीएम मोदी को जनता से माफी मांगने को कहा गया। इन पोस्टरों में प्रतिमा का अनावरण करते हुए पीएम मोदी की तस्वीर और साथ में प्रतिमा ढहने की तस्वीर को साथ में दिखाया गया है। मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष और लोकसभा सांसद वर्षा गायकवाड़ प्रदर्शन का हिस्सा बनने दादार के शिवाजी पार्क पहुंचीं। वह अपने साथ शिवाजी महाराज की एक छोटी मूर्ति लेकर आईं। उन्होंने मालवन में शिवाजी महाराष्ट्र की प्रतिमा ढहने पर पीएम मोदी से माफी की मांग की।
वर्षा गायकवाड़ ने कहा, "शिवाजी महाराज को पूरे महाराष्ट्र और भारत में पूजा जाता है। हम उन्हें जनता का राजा कहते हैं। मालवन के राजकोट मिले में उनकी प्रतिमा ढह गई, जिसका उद्घाटन पीएम मोदी ने ही किया था। सबसे पहले मैं पीएम मोदी से शिवाजी महाराज की प्रतिमा के लिए अरब सागर में किए गए भूमि पूजन के बारे में पूछना चाहती हूं। इससे पहले की प्रतिमा पूरी हो पाती, उद्घाटन के आठ महीने बाद ही ढह गई। इससे स्पष्ट है कि भ्रष्टाचार हुआ है। मोदी जी आप कब माफी मांगेंगे?
इस मामले में शिवाजी महाराज प्रतिमा के संरचनात्मक सलाहकार चेतन पाटिल को कोल्हापुर से गिरफ्तार किया गया। स्थानीय अपराध शाखा की एक टीम ने कोल्हापुर पुलिस के साथ मिलकर एक अभियान चलाकर चेतन पाटिल को गिरफ्तार किया। अधिकारियों ने बाद में उन्हें सुंधुदुर्ग पुलिस के हवाले कर दिया।
शिवसेना (यूबीटी) नेता अंबादास दानवे ने इस मामले में राज्य सरकार को घेरा। उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से पूछा कि क्या प्रतिमा की ऊंचाई को लेकर निर्णय लेने से पहले कोई वैज्ञानिक अध्ययन किया गया था। उन्होंने यह भी जानना चाहा कि किसी की महत्वकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए प्रतिमा की ऊंचाई तय तो नहीं की गई थी। हालांकि, महाराष्ट्र सरकार ने प्रतिमा ढहने के कारणों का पता लगाने के लिए तकनीकी समिति का गठन किया, जिसमें इंजीनियर, आईआईटी विशेषज्ञ और नौसेना के अधिकारी शामिल हैं।
अंबादास दानवे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, "हमारे राजकोट किले में जाने के बाद मुख्यमंत्री ने तकनीकी समिति का गठन किया। यह मुद्दा महाराष्ट्र की आत्मा से जुड़ा है। अगर मुख्यमंत्री शिवाजी महाराज को मानते हैं तो वे मेरे सवालों का जवाब दें।" उन्होंने राज्य सरकार से पूछा कि क्या समिति में शामिलस किए गए लोगों ने कभी मिट्टी ने गणेश भगवान की प्रतिमा बनाई हैं? क्या वे ढही हुई मूर्ति का अध्ययन करने के योग्य और सक्षम हैं?
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