OBC आरक्षण पर कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्णय पर कृष्णा गौर ने की सराहना, कांग्रेस पर जड़े आरोप
भोपाल (आरएनआई) मोहन सरकार में राज्यमंत्री कृष्णा गौर ने कहा है कि कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा ओबीसी वर्ग के आरक्षण को लेकर दिया गया आदेश स्वागत योग्य है। बुधवार को हाईकोर्ट ने अपने आदेश में 2010 के बाद जारी किए गए सभी ओबीसी सर्टिफिकेट रद्द करने को कहा है। इस आदेश को लेकर कृष्णा गौर ने कहा कि निर्णय पश्चिम बंगाल के ओबीसी समाज के साथ न्याय है और उनके अधिकारों का संरक्षण भी है। इसी के साथ उन्होंने इस मुद्दे पर कांग्रेस और इंडिया गठबंधन को आड़े हाथों लिया।
पिछड़ा वर्ग अल्पसंख्यक कल्याण और विमुक्त घुमन्तु एवं अर्द्धघुमन्तु कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर ने एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा कि ‘ममता सरकार द्वारा पिछड़े वर्ग के हिन्दुओं का हक़ छीनकर मुस्लिमों को देना यह दर्शाता है कि ममता बनर्जी ओबीसी विरोधी हैं। असंवैधानिक तरीके से ममता बनर्जी सरकार द्वारा जारी किए गए सभी ओबीसी प्रमाणपत्र को कलकत्ता हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया है। कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा बंगाल में विभिन्न मुस्लिम जातियों को ओबीसी आरक्षण देना असंवैधानिक ठहराने के बाद भी ममता बनर्जी का कोर्ट के निर्णय को ना मानना निंदनीय है।’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ओबीसी विरोधी पार्टी है। INDIA गठबंधन की सभी पार्टियां दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों का आरक्षण खत्म कर सिर्फ मुस्लिम समुदाय के लोगों को दे रही हैं। राजीव गांधी जी ने OBC आरक्षण के खिलाफ संसद में भाषण दिया था, कांग्रेस पार्टी हमेशा से ही पिछड़े वर्ग के लोगों के आरक्षण के पक्ष में नही थी। कृष्णा गौर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सिर्फ़ तुष्टिकरण की राजनीति करती है और हमें इस बात की ख़ुशी है कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने ऐतिहासिक फ़ैसला दिया है और ममता बनर्जी सरकार को आईना दिखाने का काम किया है।
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