NMC से निष्पक्ष तरीके से काम करने की उम्मीद, शीर्ष अदालत ने 10 लाख रुपये जुर्माने के साथ खारिज की याचिका

देश की शीर्ष अदालत ने केरल हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं को 10 लाख रुपये के जुर्माने साथ खारिज करते हुए कहा कि एनएमसी से निष्पक्ष तरीके से काम करने की उम्मीद है। सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान कहा कि राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) राज्य का एक अंग है।

Sep 11, 2024 - 13:03
 0  729
NMC से निष्पक्ष तरीके से काम करने की उम्मीद, शीर्ष अदालत ने 10 लाख रुपये जुर्माने के साथ खारिज की याचिका

नई दिल्ली (आरएनआई) सुप्रीम कोर्ट ने केरल उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा कि राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) राज्य का एक अंग है और उससे निष्पक्ष और उचित तरीके से काम करने की उम्मीद की जाती है। न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ शैक्षणिक वर्ष 2023-24 के लिए 150 से 250 सीटें बढ़ाने के लिए एक मेडिकल कॉलेज को दी गई मंजूरी वापस लेने से संबंधित मामले में एनएमसी और अन्य द्वारा दायर याचिकाओं पर विचार कर रही थी।

सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि किसी पक्ष को अनुमति लेने के लिए अदालत दर अदालत दौड़ाना, खासकर तब जब संस्थान 18 साल से काम कर रहा हो, केवल संस्थान को परेशान करने का प्रयास है। पीठ ने 9 सितंबर को पारित अपने आदेश में कहा, प्रथम दृष्टया, हम पाते हैं कि एनएमसी का रवैया आदर्श वादी जैसा नहीं है। एनएमसी राज्य का अंग है और उससे निष्पक्ष और उचित तरीके से काम करने की उम्मीद की जाती है।

मामले में पीठ ने आगे कहा, इसलिए, हमारा मानना है कि वर्तमान विशेष अनुमति याचिकाएं कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग हैं और इसलिए, इस आदेश की तारीख से चार सप्ताह के भीतर 10 लाख रुपये की राशि का भुगतान करने के साथ इसे खारिज किया जाता है। पीठ ने कहा कि एनएमसी और अन्य ने उच्च न्यायालय के 13 अगस्त के आदेश को चुनौती दी है, जिसमें मेडिकल कॉलेज को अंडरटेकिंग दाखिल करने का निर्देश दिया गया था।

उच्च न्यायालय ने आगे निर्देश दिया था कि आयोग को इस तरह की उपक्रम मिलने पर संस्थान को अनुमति देनी चाहिए। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि अभिलेखों में प्रस्तुत सामग्री के अवलोकन से पता चला है कि मेडिकल असेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड (एमएआरबी) की तरफ से जारी 27 फरवरी, 2023 के पत्र की तरफ से, मेडिकल कॉलेज को शैक्षणिक वर्ष 2023-24 के लिए सीटों की संख्या 150 से बढ़ाकर 250 करने की स्वीकृति दी गई थी।

पीठ ने कहा, हालांकि, एमएआरबी की तरफ से जारी 5 अप्रैल, 2023 के बाद के पत्र द्वारा इसे वापस ले लिया गया। पीठ ने कहा कि मामला न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण प्रस्ताव को अस्वीकार नहीं किया जा सकता। पीठ ने कहा कि यदि एनएमसी को कोई संदेह था, तो वह संबंधित न्यायालय से संपर्क कर स्पष्टीकरण मांग सकता था।

पीठ ने याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा, "किसी पक्ष को अनुमति लेने के लिए अदालत से अदालत दौड़ाना, खासकर जब संबंधित संस्थान कोई नया संस्थान नहीं है और पिछले 18 वर्षों से चल रहा है, हमारे विचार में, संस्थान को परेशान करने का एक प्रयास मात्र है। पीठ ने कहा कि 5 लाख रुपये की लागत सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन में जमा की जाए जिसका उपयोग लाइब्रेरी के उद्देश्य से किया जाएगा और शेष लागत सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन एडवोकेट्स वेलफेयर फंड में जमा की जाए।

Follow    RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB2

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

RNI News Reportage News International (RNI) is India's growing news website which is an digital platform to news, ideas and content based article. Destination where you can catch latest happenings from all over the globe Enhancing the strength of journalism independent and unbiased.