JAC की बैठक में सीएम स्टालिन ने दी कानूनी कार्रवाई की चेतावनी, विजयन बोले- यह सिर पर लटकती तलवार
बैठक के दौरान सीएम स्टालिन ने कहा कि विशेषज्ञों का एक पैनल गठित किया जाना चाहिए, जो इस मुद्दे पर लड़ाई लड़ने के लिए राजनीतिक और कानूनी दोनों योजनाओं पर सुझाव दे।

चेन्नई (आरएनआई) परिसीमन के मुद्दे पर आज विपक्षी पार्टियों के मुख्यमंत्रियों की चेन्नई में बैठक हुई। इस बैठक को जॉइंट एक्शन कमेटी (जेएसी) नाम दिया गया। इस बैठक का आयोजन तमिलनाडु सीएम एमके स्टालिन ने किया। स्टालिन ने साफ किया कि वे परिसीमन के मुद्दे पर कानूनी लड़ाई भी लड़ेंगे। वहीं बैठक के दौरान केरल के सीएम पी विजयन ने कहा कि लोकसभा सीटों के परिसीमन का मुद्दा सिर पर लटकती तलवार जैसा है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने बिना किसी से चर्चा के परिसीमन के मुद्दे पर कदम बढ़ाया।
बैठक के दौरान सीएम स्टालिन ने कहा कि विशेषज्ञों का एक पैनल गठित किया जाना चाहिए, जो इस मुद्दे पर लड़ाई लड़ने के लिए राजनीतिक और कानूनी दोनों योजनाओं पर सुझाव दे। उन्होंने इस मुद्दे पर राजनीतिक लडाई के साथ-साथ कानूनी लड़ाई लड़ने का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि 'हम परिसीमन के खिलाफ नहीं हैं लेकिन हम निष्पक्ष परिसीमन चाहते हैं और हमें अपने अधिकारों के लिए लगातार कोशिश करनी होगी।' स्टालिन ने इस मुद्दे पर लोगों को जागरुक करने और इस लड़ाई में एकजुट रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि 'हमारा प्रतिनिधित्व कमजोर नहीं पड़ना चाहिए।'
केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने बैठक में कहा कि लोकसभा सीटों का परिसीमन का मुद्दा हमारे सिर पर लटकती तलवार जैसा है। उन्होंने इसे संविधान के सिद्धांतों और लोकतांत्रिक प्रक्रिया के खिलाफ बताया। गौरतलब है कि दक्षिणी राज्यों का कहना है कि लोकसभा सीटों का परिसीमन अगर जनसंख्या के आधार पर किया गया तो इससे उन्हें सीटों का नुकसान होगा। यही वजह है कि दक्षिणी राज्य जनसंख्या के आधार पर लोकसभा सीटों के परिसीमन का विरोध कर रहे हैं। दक्षिणी राज्यों का आरोप है कि उन्होंने जनसंख्या नियंत्रण किया, लेकिन अब उन्हें इसकी सजा दी जा रही है। हालांकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने साफ किया है कि दक्षिणी राज्यों को सीटों का नुकसान नहीं होगा।
जेएसी की बैठक के दौरान तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी ने कहा कि 'आज देश गंभीर चुनौती का सामना कर रहा है। भाजपा जनसंख्या नियंत्रण की सजा दे रही है। हम एक देश हैं और हम इसका सम्मान करते हैं, लेकिन हम इस प्रस्तावित परिसीमन को स्वीकार नहीं कर सकते। यह परिसीमन हमें राजनीतिक रूप से सीमित करेगा। यह बतौर अच्छा प्रदर्शन करने वाले राज्यों के तौर पर हमें दंडित करेगा। हमें इस पक्षपाती परिसीमन को लागू करने से भाजपा को रोकना होगा।'
बीजद प्रमुख और ओडिशा के पूर्व सीएम नवीन पटनायक ने एक वीडियो संदेश में कहा कि 'जेएसी की बैठक बेहद अहम है, जो राज्यों में रहने वाले लोगों के अधिकारों और लोकतांत्रिक प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करने के लिए हो रही है। देश के विकास के लिए जनसंख्या नियंत्रण अहम है, लेकिन जनसंख्या के आधार पर परिसीमन उन राज्यों के प्रति गलत है, जो जनसंख्या नियंत्रण कर रहे हैं। हमारी मांग है कि परिसीमन सिर्फ जनसंख्या के आधार पर नहीं होना चाहिए। केंद्र सरकार को इसे लेकर सभी पार्टियों से विस्तृत चर्चा करनी चाहिए ताकि इसे लेकर सभी शंकाएं दूर की जा सकें।'
जॉइंट एक्शन कमेटी की बैठक में परिसीमन पर एक प्रस्ताव पारित किया गया। इस प्रस्ताव में मांग की गई है कि परिसीमन के मुद्दे पर सभी हितधारकों से लोकतांत्रिक तरीके से विस्तृत चर्चा हो। साथ ही 42वें, 84वें और 87वें को संविधान संशोधन को संरक्षित किया जाए, जिनमें जनसंख्या नियंत्रण के उपायों को लागू किया गया है ताकि देश की जनसंख्या को नियंत्रित रखा जा सके। जिन राज्यों ने जनसंख्या नियंत्रण किया है, उन्हें सजा नहीं दी जानी चाहिए।
जॉइंट एक्शन कमेटी की अगली बैठक हैदराबाद में होनी है। हालांकि अभी उसकी तारीख तय नहीं हुई है। बैठक में डीएमके सांसद कनिमोझी ने कहा कि प्रस्तावित परिसीमन में पारदर्शिता की कमी है और इसे लेकर विभिन्न हितधारकों से कोई चर्चा नहीं की गई। उन्होंने कहा कि साल 1971 की जनगणना के आधार पर संसदीय सीटों पर रोक को अगले 25 वर्षों तक बढ़ाया जाना चाहिए।
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