अंग दान के विषय में जागरूकता बढ़ाना बेहद महत्वपूर्ण
अपोलोमेडिक्स हॉस्पिटल ने 100 सफल ऑर्गन ट्रांसप्लांट पूरे कर महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की जागरूकता के अभाव में प्रत्यारोपण की आवश्यकता वाले रोगियों में से 5 फीसदी से भी कम को मिल पाते हैं आवश्यक अंग दान के विषय में जागरूकता बढ़ाना बेहद महत्वपूर्ण, ताकि ट्रांसप्लांट के लिए आवश्यक अंगों की जरूरत और उपलब्ध अंगों की संख्या के बीच अंतर को खत्म किया जा सके ।
लखनऊ, 6 जुलाई 2023, उत्तर प्रदेश और आसपास के क्षेत्रों के अल्ट्रामॉडर्न मेडिकल फैसिलिटी से इलाज उपलब्ध कराने में अग्रणी, अपोलोमेडिक्स हॉस्पिटल्स लखनऊ ने 100 सफल ऑर्गन ट्रांसप्लांट करने की बड़ी उपलब्धि हासिल की है। यह उपलब्धि अपोलोमेडिक्स हॉस्पिटल द्वारा उत्कृष्ट चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के प्रति उनके समर्पण का प्रमाण है। अपोलोमेडिक्स हॉस्पिटल लखनऊ इस क्षेत्र का एकमात्र ऐसा प्रतिष्ठित निजी अस्पताल है, जहां कैडवेरिक (मृत शरीर से मिलने वाले) लिवर और किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा उपलब्ध है।
इस अवसर पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, अपोलो अस्पताल के ग्रुप मेडिकल डायरेक्टर और सीनियर पेडियाट्रिक गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. अनुपम सिब्बल ने अस्पताल की उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बताया, "अपोलो ट्रांसप्लांट प्रोग्राम अल्ट्रा मॉडर्न मेडिकल टेक्नोलॉजी के माध्यम से सेवाएं उपलब्ध कराने वाला दुनिया के सबसे बड़े ऑर्गन ट्रांसप्लांट प्रोग्राम्स में से एक है। अपोलो के ट्रांसप्लांट कार्यक्रम के तहत वर्ष 2012 से सालाना 1200 से अधिक आर्गन ट्रांसप्लांट हो रहे हैं रहे हैं, जब इस प्रोग्राम के तहत एक कैलेंडर वर्ष में 1000 से अधिक प्रत्यारोपण के महत्वपूर्ण आंकड़े को हासिल किया गया था। उल्लेखनीय तथ्य यह है कि वर्ष 2020 जब कोविड महामारी अपने चरम पर थी तो उस चुनौतीपूर्ण वर्ष में इस कार्यक्रम के तहत 814 सफल प्रत्यारोपण किए गए। वहीं वर्ष 2022 में, असाधारण परिणामों के साथ 1641 प्रत्यारोपण पूरे किए गए, जो अपोलो द्वारा उच्चतम गुणवत्ता वाली देखभाल प्रदान करने में विश्वास और अपोलो के ट्रांसप्लांट प्रोग्राम की विश्वसनीयता को प्रमाणित करता है। हालांकि, देश में अंग दान को बढ़ावा देने और इसकी संख्या में सुधार करने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, फिर भी ऑर्गन ट्रांसप्लांट की डिमांड और सीमित संख्या में ट्रांसप्लांट के लिए अंगों का मिलना एक बड़ी चिंता का कारण है। भारत में अंगदान की दर बेहद कम है, देश में प्रति दस लाख लोगों पर केवल 0.08 अंगदान होते हैं। यह क्रोएशिया जैसे देशों की तुलना में बहुत कम है, जहां प्रति दस लाख लोगों पर अंगदान की दर 36.5 है। 2021 में भारत में 552 अंग दाता ही उपलब्ध थे, जो लास्ट स्टेज के ऑर्गन फेलियर से पीड़ित 1519 रोगियों की जान बचाने में सहायक सिद्ध हुए।"
अपोलोमेडिक्स हॉस्पिटल लखनऊ के एमडी और सीईओ डॉ. मयंक सोमानी ने इस बात को प्रमुखता से रखा कि अपोलोमेडिक्स अस्पताल ऑर्गन ट्रांसप्लांट में निरंतर अपनी उत्कृष्टता साबित कर रहा है। भारत में अंग प्रत्यारोपण के वर्तमान परिदृश्य पर प्रकाश डालते हुए, डॉ सोमानी ने कहा, " कोविड के बाद अंग प्रत्यारोपण के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है। पहली बार, देश में एक वर्ष में ही 12,000 से अधिक प्रत्यारोपण का लक्ष्य हासिल किया है। अपोलोमेडिक्स अस्पताल ने उत्कृष्ट परिणामों के साथ सफलतापूर्वक 94 किडनी और 13 लीवर प्रत्यारोपण किए, जिनमें 4 कैडवेरिक प्रत्यारोपण (मृत व्यक्तियों के अंग) शामिल हैं। हालाँकि, जीवित दाताओं के दान की तुलना में कैडेवर ऑर्गन डोनेशन की संख्या अभी भी काफी कम है। अपोलोमेडिक्स उत्तर प्रदेश और आसपास के क्षेत्र में एकमात्र निजी अस्पताल हैं, जो लगातार सफल कैडवेरिक लिवर और किडनी ट्रांसप्लांट कर रहे हैं। जिससे अंग प्रत्यारोपण की आवश्यकता वाले रोगियों को नई उम्मीद की किरण आशा मिली है।
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