'CBI-ED को नहीं बनना चाहिए राजनीतिक हथियार', पूर्व मंत्री की गिरफ्तारी पर बोले गृह मंत्री परमेश्वर
कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने शनिवार को कहा कि केंद्रीय एजेंसियां जैसे सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय को राजनीतिक हथियार नहीं बनना चाहिए। बता दें कि कर्नाटक के पूर्व मंत्री बी. नागेंद्र को धन शोधन मामले में ईडी ने हाल ही में गिरफ्तार किया है।
कर्नाटक (आरएनआई) कर्नाटक के पूर्व मंत्री बी. नागेंद्र को प्रवर्तन निदेशालय ने 12 जुलाई को महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम लिमिटेड में कथित अनियमितताओं से जुड़े धन शोधन मामले में जांच और पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया है। बता दें कि ईडी ने मामले में 11 जुलाई को कर्नाटक समेत चार राज्यों में छापेमारी की थी। वहीं इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने शनिवार को कहा कि केंद्रीय एजेंसियों को राजनीतिक हथियार नहीं बनना चाहिए।
मामले में कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने आगे कहा कि मैंने कहा है कि ईडी उनकी जांच कर रही है, उन्हें जो जानकारी मिलेगी उसके आधार पर वे कार्रवाई करेंगे। अब उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। उनके पास जो जानकारी है उसके आधार पर उन्हें गिरफ्तार किया गया है। ये प्रक्रियाएं कानून के अनुसार होती हैं, लेकिन इसका राजनीतिक इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। दरअसल कर्नाटक के अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री रहे बी. नागेंद्र ने अपने खिलाफ लगे आरोपों के बाद 6 जून को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
प्रवर्तन निदेशालय ने इस हफ्ते की शुरुआत में बी. नागेंद्र और सत्तारूढ़ कांग्रेस विधायक और निगम अध्यक्ष बसनगौड़ा दद्दाल के परिसरों समेत कई स्थानों पर तलाशी ली थी। सूत्रों ने बताया कि एजेंसी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज मामले के तहत कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र में करीब 20 स्थानों पर छापेमारी की थी।
ये सवाल पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि नागेंद्र की गिरफ्तारी ईडी का इस्तेमाल करके राजनीति से प्रेरित थी, इस पर जी. परमेश्वर ने कहा, हमें जांच पर कोई आपत्ति नहीं है, हमने भी एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था। एसआईटी ने नागेंद्र और दद्दाल के बयान दर्ज किए हैं, उनकी जांच भी जारी है। उन्होंने कहा कि सीबीआई जांच बैंक की शिकायत पर आधारित है। अब अचानक ईडी ने इसमें प्रवेश किया है। उनके पास भी जानकारी हो सकती है, मैं इस पर बात-विवाद नहीं करना चाहता। लेकिन हमारा शुरू से ही यह रुख रहा है कि ईडी और सीबीआई को राजनीतिक हथियार नहीं बनना चाहिए।
जबकि निगम के धन का इस्तेमाल चुनावों में किए जाने के आरोपों की ईडी की तरफ से जांच किए जाने के सवाल पर गृह मंत्री ने कहा, मुझे इसकी जानकारी नहीं है। ईडी ने पुलिस के साथ कोई जानकारी साझा नहीं की है, इसलिए अटकलें लगाना सही नहीं होगा। बता दें कि निगम से जुड़े अवैध धन हस्तांतरण का मामला तब सामने आया जब इसके लेखा अधीक्षक चंद्रशेखरन पी. की 26 मई को आत्महत्या कर ली। उन्होंने एक नोट छोड़ा जिसमें निगम के बैंक खाते से 187 करोड़ रुपये के अनधिकृत हस्तांतरण का दावा किया गया।
इस मामले में राज्य सरकार ने जांच करने के लिए आपराधिक जांच विभाग में आर्थिक अपराध के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मनीष खरबीकर की अध्यक्षता में एक एसआईटी का गठन किया है। इस लेकर एसआईटी ने नागेंद्र और ददल से पूछताछ की है। वहीं मुंबई मुख्यालय वाले यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने भी एमजी रोड शाखा से जुड़े निगम के पैसे के गबन के मामले में सीबीआई में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद प्रमुख जांच एजेंसी ने जांच शुरू की थी।
भाजपा की तरफ से कांग्रेस सरकार पर पुलिस बल का उपयोग करके एमयूडीए घोटाले के खिलाफ विपक्ष के विरोध के अधिकार को खत्म करने का आरोप लगाने पर गृह मंत्री ने कहा, हमें विरोध प्रदर्शन पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन यह जनता को असुविधा पहुंचाकर सड़कों पर उनकी मर्जी के मुताबिक नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि मामले में सुप्रीम कोर्ट पहले ही कह चुका है कि जनता को किसी तरह की असुविधा नहीं होनी चाहिए और सार्वजनिक संपत्ति को कोई नुकसान नहीं होना चाहिए। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का निर्देश है, निर्देशों को ध्यान में रखते हुए विरोध प्रदर्शन किया जाना चाहिए। बता दें कि राज्य में सोमवार से विधानमंडल का सत्र शुरू हो रहा है, जहां विपक्ष इस मुद्दे उठा सकता है।
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