92 साल अलग-अलग पेश किया गया रेल और आम बजट

वित्तीय वर्ष 2000-01 का बजट तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने पेश किया था। इसे देश का 'मिलेनियम बजट' के नाम से जाना जाता है। यह 21वीं सदी का पहला बजट था। आजाद भारत में पहली बार रेल और आम बजट एक साथ 01 फरवरी 2017 को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पेश किया।

Jan 30, 2024 - 10:31
 0  1.1k
92 साल अलग-अलग पेश किया गया रेल और आम बजट

नई दिल्ली (आरएनआई) पहले संसद में दो बजट पेश किए जाते थे एक 'रेल बजट' और दूसरा 'आम बजट'। भारत सरकार ने 21 सितंबर 2016 को आम बजट के साथ रेल बजट के विलय को मंजूरी दे दी। उस समय वित्त मंत्री अरुण जेटली थे। उन्होंने 1 फरवरी, 2017 को आजाद भारत का पहला संयुक्त बजट संसद में पेश किया गया। इसके साथ ही 92 सालों से चली आ रही परंपरा खत्म हो गई। 

रेलवे के लिए अलग बजट की प्रथा 1924 में शुरू हुई थी। यह फैसला एकवर्थ समिति की सिफारिशों के आधार पर लिया गया था, पर 2017 से रेल बजट आम बजट के साथ ही पेश किया जाने लगा। 1921 में ईस्ट इंडिया रेलवे कमेटी के चेयरमैन सर विलियम एक्वर्थ रेलवे को एक बेहतर मैनेजमेंट सिस्टम में लाए थे। इसके बाद उन्होंने 1924 में इसे आम बजट से अलग पेश करने का फैसला किया तब से लेकर साल 2016 तक यह अलग-अलग पेश किया जाता रहा। 

वर्ष 1947 में जब भारत आज़ाद हुआ तब भी रेलवे से होने वाली राजस्व की प्राप्ति आम राजस्व प्राप्तियों से 6 प्रतिशत अधिक थी| तब सर गोपालस्वामी आयंगर समिति ने यह सिफारिश दी थी कि अलग रेलवे बजट की यह परम्परा जारी रहनी चाहिए। इस आशय के संबंध में 21 दिसंबर 1949 को संविधान सभा द्वारा एक प्रस्ताव अनुमोदित किया गया था। गौरतलब है कि इस अनुमोदन के अनुसार 1950-51 से लेकर अगले पांच साल तक की अवधि के लिये ही रेलवे बजट को अलग पेश किया जाना था। लेकिन यह परम्परा 2016 तक जारी रही। धीरे-धीरे रेलवे के राजस्व में कमी आने लगी और 70 के दशक में रेलवे बजट सम्पूर्ण राजस्व प्राप्तियों का 30 प्रतिशत ही रह गया और 2015-16 में रेलवे का राजस्व कुल राजस्व का 11.5 प्रतिशत पर पहुंच गया। उसके बाद विशषज्ञों ने अलग रेलवे बजट को समाप्त करने का सुझाव दिया था। इसके बाद सरकार ने रेल बजट और आम बजट का विलय कर दिया।

वित्तीय वर्ष 2000-01 का बजट तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने पेश किया था। इसे देश का 'मिलेनियम बजट' के नाम से जाना जाता है। यह 21वीं सदी का पहला बजट था। इस बजट में की गई घोषणाओं के कारण देश के आईटी सेक्टर में क्रांति आई।

देश का केंद्रीय बजट सदन में शाम पांच बजे से पेश किया जाता था। शाम पांच बजे बजट पेश करने का कारण यह था कि उस समय ब्रिटेन में 11.30 बज रहे होते थे। ब्रिटिश सरकार की तरफ से शुरू की गई परंपरा को आजादी के बाद भी निभाया जाता रहा। यशवंत सिन्हा ने 2001 में इसमें बदलाव किया। आगे चलकर मोदी सरकार ने हर साल 28 फरवरी को पेश होने वाले आम बजट को एक फरवरी को पेश करना शुरू किया।

कोविड संकट के कारण वर्ष 2021 के बजट में एक और अहम बदलाव किया गया। यह बजट देश का पहला 'पेपरलेस बजट' था। इसकी सभी प्रतियों को डिजिटली स्टोर किया गया था। उसके बाद 2022 का बजट भी पेपरलेस बजट था। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में एक और बदलाव किया। उन्होंने बजट से जुड़े दस्तावेज कैरी करने के लिए ब्रीफकेस का इस्तेमाल बंद कर दिया। अब वे बही-खाता जैसी दिखने वाली बैग में बजट से जुड़े दस्तावेज कैरी करती दिखतीं हैं।

Follow the RNI News channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB2Xp81Z

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

RNI News Reportage News International (RNI) is India's growing news website which is an digital platform to news, ideas and content based article. Destination where you can catch latest happenings from all over the globe Enhancing the strength of journalism independent and unbiased.