90 वर्षीय पूर्व PM मनमोहन सिंह के व्हीलचेयर से राज्यसभा पहुंचने पर BJP का तंज।
पूर्व पीएम के व्हीलचेयर पर आने से कांग्रेस और भाजपा के बीच राजनीतिक बहस शुरू हो गई है।आम आदमी पार्टी ने 90 वर्षीय कांग्रेस नेता की तारीफ की। वहीं, भाजपा ने इसे कांग्रेस की सनक बताया।
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राज्यसभा में सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 पर चर्चा में भाग लेने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह व्हीलचेयर पर संसद पहुंचे थे। उनके खराब स्वास्थ्य के बावजूद संसद में आना राजनीतिक गलियारों में बहस का मुद्दा बन गया। जहां विपक्षी गठबंधन के नेता तारीफ करते नहीं थक रहे तो वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसे शर्मनाक बताया।
पूर्व पीएम के व्हीलचेयर पर आने से कांग्रेस और भाजपा के बीच राजनीतिक बहस शुरू हो गई है। आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने 90 वर्षीय कांग्रेस नेता की तारीफ की। उन्होंने ट्वीटर पर लिखा कि आज राज्यसभा में डॉ. मनमोहन सिंह ईमानदारी की मिसाल बनकर खड़े हुए और विशेष रूप से काले अध्यादेश के खिलाफ वोट करने आए। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र और संविधान के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता एक गहन प्रेरणा है। चड्ढा ने पूर्व पीएम के समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। कहा कि मैं हृदय से उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता हूं।
वहीं, सबसे पुरानी पार्टी की आलोचना करते हुए भाजपा ने कहा कि कांग्रेस की ये सनक देश याद रखेगा। सिर्फ अपना बेईमान गठबंधन जिंदा रखने के लिए कांग्रेस ने सदन में एक पूर्व प्रधानमंत्री को देर रात स्वास्थ्य की ऐसी स्थिति में भी व्हीलचेयर पर बैठाए रखा। यह बेहद शर्मनाक है।
इस पर पलटवार करते हुए कांग्रेस की सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि डॉक्टर साहब का लोकतंत्र के प्रति यह समर्पण इस देश के संविधान में उनके विश्वास का प्रमाण है। भाजपा ने अपने बुजुर्गों को भले मानसिक कोमा में धकेल दिया हो, लेकिन हमारे बड़े हमारी प्रेरणा और हमारा हौसला हैं। उन्होंने आगे कहा कि अपने आका से कहो कुछ सीखें - भगोड़े ना बनें।
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के अलावा, विपक्ष ने अपनी संख्या बढ़ाने के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा के बीमार सिभु सोरेन को भी सदन में बुलाया गया और विधेयक के खिलाफ 102 सांसदों का समर्थन हासिल किया।
गौरतलब है, राज्यसभा में सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 पर चर्चा हुई। इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जवाब दिया। अमित शाह के जवाब के बाद इस बिल पर वोटिंग हुई। विपक्षी नेताओं की ओर से प्रस्तावित किए गए सभी संशोधन ध्वनिमत से नकार दिए गए। बिल पर हुए मतदान में पक्ष में 131 और विपक्ष में 102 वोट पड़े। इसी के साथ बिल को राज्यसभा से मंजूरी मिल गई।
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