84 लाख यौनियों से मुक्ति शिव महापुराण के श्रवण मात्र से ही संभव: कथावाचक पंडित दुर्गेश शरण।
84 लाख यौनियों से मुक्ति शिव महापुराण के श्रवण मात्र से ही संभव ।
अयोध्या। (आरएनआई) जन्म और मरण के समय होने वाले अपार कष्ट से मुक्ति यानि 84 लाख यौनियों से मुक्ति शिव महापुराण के श्रवण मात्र से ही संभव है। उक्त सद्विचार कदनपुर पूरे जोगिया तिवारी में कथावाचक पंडित दुर्गेश शरण महाराज ने नौ दिवसीय संगीतमयी शिव महापुराण कथा के पहले दिन सैकड़ों श्रोताओं की मौजूदगी में मुख्य यजमान उमा देवी के समक्ष कही। कथावाचक ने 84 लाख यौनियों की विस्तृत व्याख्या करने के साथ ही उपस्थित श्रोताओं से कहा कि एक पापी इंसान को भी 28 प्रकार के नरक से मुक्ति मिल सकती है यदि वो अपने सारे पापों का त्याग करने के साथ अपने अंतः करण में व्याप्त बुराइयों का भी त्याग करे। गाय की सींग के नुकीले भाग पर सरसों का दाना जितनी देर टिक सकता है अगर कोई इंसान दिन में एक बार उतनी देर के लिए ही अच्छाई और श्रृष्टि की भलाई के मनोयोग से भगवान शिव को याद करता है तो उसको भी शिव तत्व की प्राप्ति होती है। जिसके फलस्वरूप भक्ति, सदाचार, विवेक और यश में वृद्धि होती है। इस अवसर पर कथा आयोजक अखिलेश तिवारी, अभिषेक उर्फ पवन तिवारी, मुकेश तिवारी, रमा शंकर शुक्ल, अखिलेश दूबे, अभिमन्यु मिश्रा, विवेक, संजीव शुक्ला,हरिभान, दिलीप दूबे, अखिलेश मिश्रा, उदयभान, सोनू, बीरेंद्र, उदय सहित सैकड़ों लोगों ने कथा का रसपान किया।
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