76 साल बाद बन रहा 15 अगस्त 1947 जैसा संयोग
15 अगस्त 1947 की मध्य रात्रि भी पुष्य नक्षत्र, सावन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी का संयोग बना था। यह संयोग देश के लिए बेहतर साबित हो सकता है।
स्वतंत्रता दिवस पर इस बार ग्रह-नक्षत्रों का जो संयोग बन रहा है वह देश की सुख-समृद्धि व मान बढ़ाने वाला होगा। यह दावा ज्योतिषाचार्यों का है। 76 साल बाद एक बार फिर वही ग्रह-नक्षत्रों का संयोग बन रहा है जो 15 अगस्त 1947 की मध्य रात्रि था।
इस बार अमृतकाल यानि रात 12:00 बजे पुष्य नक्षत्र, सावन के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी में 15 अगस्त मनाया जाएगा। सावन में मलमास का भी दुर्लभ संयोग हें। इन शुभ संयोगों के अलावा इस दिन सर्वार्थसिद्धि योग भी रहेगा। प्रसिद्ध ज्योतिषी आचार्य प्रवीण ने बताया कि भारत देश 14-15 अगस्त 1947 की मध्यरात्रि 12:00 बजे स्वतंत्र हुआ था। भारत की जन्मकुंडली पर नजर डालें तो स्वतंत्रता दिवस की मध्य रात्रि 12 बजे जो ग्रह-नक्षत्र थे वहीं 76 साल बाद इस स्वतंत्रता दिवस पर भी पड़ रहे हैं।
उन्होंने बताया कि 15 अगस्त 1947 को भी मलमास व सावन की युति थी। कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी व पुष्य नक्षत्र का संयोग था, यही ग्रह-नक्षत्र इस बार भी पड़ रहे हैं। इस नक्षत्र पर किए गए सभी कार्य मंगलकारी होते हैं। आचार्य प्रवीण के अनुसार इस बार स्वतंत्रता दिवस पर मंगलवार पड़ रहा है। मंगल सूर्य की सिंह राशि में हैं जिससे पराक्रम में वृद्धि होगी। सूर्य व चंद्रमा की कर्क राशि में युति भी है, जो सम्मान-शांति में सहायक होगी। ग्रह -नक्षत्रों का कुछ ऐसा संयोग बन रहा है कि आगामी दिनों में शहर और देश का शौर्य, सुख, समृद्धि और सौभाग्य में बढ़ोतरी होगी। वहीं शुक्र ग्रह सिंह राशि में वक्री रहेंगें, सिंह, मेष व वृश्चिक राशि के लोगों का वैभव बढ़ेगा।
आचार्य शिवेंद्र का भी दावा है कि स्वतंत्रता दिवस की तारीख और समय तय करने में ज्योतिषीय कारकों को ध्यान में रखा गया था। 15 अगस्त 1947 को रात्रि 12:01 बजे स्वतंत्रता दिवस का समय निर्धारित किया गया। चंद्रमा इस समय अत्यंत अनुकूल पुष्य नक्षत्र में था। सभी नक्षत्रों में पुष्य को राजा माना जाता है। आधी रात को अभिजीत मुहूर्त जो किसी भी बड़े प्रयास को शुरू करने के लिए उत्कृष्ट क्षण है, प्रभाव में था। उस समय, वृष लग्न का स्थिर चिन्ह जो राष्ट्र के लिए एक मजबूत नींव का प्रतीक है बढ़ रहा था। बताया कि इसी तरह का कुछ संयोग इस साल भी स्वतंत्रता दिवस पर बन रहा है। जो भारत के लिए शुभता लेकर आने वाला है। आचार्य शिवेंद्र का कहना है कि भारत की जन्मकुंडली में ग्रह-नक्षत्रों की जो स्थिति बन रही है, उससे अगले कुछ महीनों में राजनीतिक उथल-पुथल की भी संभावना है।
What's Your Reaction?