76 वां निरंकारी संत समागम जहां मिलेगा सुकुन अंर्तमन का निरंकारी सत्गुरू के आशीर्वचन को समालखा पहुंचे हजारों ब्रजवासी
हाथरस, (आरएनआई) भागदौड़ भरी जिंदगी में सुकुन अंर्तमन का पाने को और सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज के आशीर्वचन का लाभ लेने को ब्रज के हजारों भक्त शुक्रवार को समालखा के लिए रवाना हो गए।
निरंकारी प्रतिनिधि किशोर स्वर्ण ने बताया कि सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता जी के पावन सान्निध्य में तीन दिवसीय 76 वां वार्षिक निरंकारी संत समागम 28, 29 एवं 30 अक्तूबर को करनाल हाइवे स्थित संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल समालखा में आयोजित होने जा रहा है। इसमें भाग लेने के लिए ब्रज से हजारों भक्त दो दिनों से लगातार बस एवं रेल से समालखा पहुंच रहे हैं।
उन्होंने बताया कि संत समागम में सार्वभौमिक भाईचारे एंव विश्वबन्धुत्व का अनुपम स्वरूप दिखेगा, जहां एक बार पुनः दृश्यमान होगी शामियानों की सुंदर नगरी, जैसे कि धरती पर स्वर्ण उतर आया हो। इस पावन संत समागम में देश, विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु एंव भक्तगण सम्मिलित होकर इस भव्य संत समागम का भरपूर आनंद प्राप्त करते हुए सतगुरु के साकार दर्शन एवं पावन आशीष भी प्राप्त करेंगे।
जोनल इंचार्ज एच के अरोड़ा ने बताया कि इस वर्ष निरंकारी संत समागम का विषय है ‘‘ सुकुन अंर्तमन का ’’ जिस पर देश, विदेशों से सम्मिलित हुए गीतकार, वक्तागण अपने शुभ भावों को कविताओं, गीतों एवं विचारों के माध्यम से व्यक्त करेंगे और विभिन्न भाषाओं में दी गई इन प्रस्तुतियों का आनंद सभी श्रोतागण प्राप्त करेंगे।
देवेंद्र चौधरी मुखी हाथरस यह संत समागम निरंकारी मिशन द्वारा दिये जा रहे सत्य, प्रेम और शान्ति के दिव्य संदेश को जन-जन तक पहुँचाने हेतु एक ऐसा सशक्त माध्यम हैं जो आध्यात्मिक जागरूकता के माध्यम से समूचे संसार में समानता, सौहार्द्र एवं प्रेम का सुंदर स्वरूप प्रदर्शित कर रहा है। वर्तमान समय में जिसकी नितांत आवश्यकता भी है।
पूरन सागर निरंकारी संत हाथरस यह दिव्य संत समागम शांति, समरसता, विश्वबन्धुत्व और मानवीय गुणों का एक ऐसा सुंदर प्रतीक है जिसका एकमात्र लक्ष्य ‘एकत्व में सदभाव’ तथा शांति की भावना को प्रदर्शित करना है।
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