6 करोड़ खर्च कर अंबेडकर महाकुंभ में एक लाख की भीड़ जुटाएंगी सरकार
भोपाल। मप्र में सरकार इवेंट पर करोड़ों रुपए पानी की तरह फूंक रही है। चुनाव से पहले मतदाताओं को लुभाने सरकारी खजाना किस तरह लुटाया जा रहा है। इसकी एक बानगी देखिये..
परिवहन विभाग का लिखित पत्र पढे जिसके अनुसार 16 अप्रैल 2023 को महामहिम राज्यपाल ग्वालियर में बाबा साहब डाॅक्टर भीमराव अम्बेडकर की जयंती पर एक समारोह में शामिल होंगे। राज्यपाल के इस आयोजन के लिए ग्वालियर चंबल संभाग के 8 जिलों से एक लाख लोग बसों में भरकर लाए जाएंगे। परिवहन विभाग ने सिर्फ बसों के किराये के लिये 6 करोड़ 18 लाख रुपए अनुसूचित जाति कल्याण विभाग से मांगे हैं।
इस आयोजन के लिए टेंट, माईक, प्रचार प्रसार और एक लाख लोगों के भोजन पानी की व्यवस्था के अलावा विभाग के अफसरों के दौरे और पुलिस सुरक्षा का खर्चा शामिल किया जाए तो यह एक आयोजन लगभग 15 करोड़ से अधिक का पड़ेगा।
तय है यह राशि अनुसूचित जाति कल्याण की योजनाओं में कटौती करके दी जाएगी। इस आयोजन से भाजपा के कितने वोट बढेंगे यह तो नहीं पता, लेकिन अनुसूचित जाति कल्याण की कुछ योजनाओं में कटौती अवश्य करना पड़ेगी।
जागरूक बुध्धीजीवी लोगो कि सलाह है कि चुनाव से 8 माह पहले होने वाले ऐसे आयोजन पार्टी के खर्च पर होना चाहिए। क्योंकि यह आयोजन सिर्फ और सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिये किया जा रहा है।
चुनाव आयोग को ऐसे आयोजनों में सरकारी खर्च पर रोक लगाना चाहिए।
वैसे भी शिवराज सरकार आजकल उधार लेकर घी पीने में व्यस्त है। उधार लेकर ऐसे इवेंट करना कहां की समझदारी है?
इस फिजूल खर्ची के खिलाफ सोशल मीडिया पर मुहिम चलना चाहिए।
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