4000 चुनाव अधिकारियों ने शुरू किया राजनीतिक दलों के साथ मंथन, 31 मार्च तक चलेंगी बैठकें
कई राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग पर मतदान के आंकड़ों में गड़बड़ी कर भाजपा को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया था। उसी के मद्देनजर चुनाव आयोग ने सियासी दलों के साथ बैठकों का दौर शुरू किया है। ये बैठकें 31 मार्च तक पूरी होंगी।

नई दिल्ली (आरएनआई) मतदान केंद्र (बूथ स्तर) पर समस्याओं और शिकायतों के समाधान के लिए 4,000 से अधिक मतदाता पंजीकरण अधिकारियों (ईआरओ) ने देशभर के सभी राजनीतिक दलों के साथ मंथन शुरू किया है। इन ईआरओ को अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में लंबित मुद्दों के समाधान करने के लिए कहा गया है। दरअसल, कई राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग पर मतदान के आंकड़ों में गड़बड़ी कर भाजपा को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया था। उसी के मद्देनजर चुनाव आयोग ने सियासी दलों के साथ बैठकों का दौर शुरू किया है। ये बैठकें 31 मार्च तक पूरी होंगी।
आयोग ने पिछले दिनों कहा था कि वह राजनीतिक दलों की शिकायतों को दूर करने के लिए विभिन्न स्तरों पर उनके साथ मंत्रणा करेगा। तृणमूल कांग्रेस सहित कई दलों ने एक ही नंबर वाले वोटर कार्ड का मामला उठाया था। इसको देखते हुए चुनाव आयोग ने मतदाता कार्ड को आधार नंबर से जोड़ने की संभावना तलाशने का निर्णय किया है।
इसके अलावा आयोग ने जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण प्राधिकरणों को भी मतदाता सूचियों को दुरुस्त करने का अनुरोध किया है। निर्वाचन आयोग ने इन 4123 मतदाता पंजीकरण अधिकारियों के अलावा देश भर के सभी 788 जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ) और 36 राज्य मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) को भी ऐसी बैठकें करने का निर्देश दिया गया है।
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