28 लाख डॉलर की धोखाधड़ी में भारतीय नागरिक को नौ साल की सजा
आरोपी योगेश पर आरोप है कि बिलिंग मेडिकेयर से बाहर होने के बावजूद उसने फर्जी नामों, हस्ताक्षरों और पहचान छिपाकर दो महीने तक अपने अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर करीब 28 लाख डॉलर का मेडिकेयर से भुगतान प्राप्त किया।
मिशिगन (आरएनआई) अमेरिका के मिशिगन में एक भारतीय नागरिक को 20 लाख डॉलर की धोखाधड़ी के मामले में नौ साल की जेल की सजा सुनाई गई है। भारतीय नागरिक पर आरोप है कि उसने स्वास्थ्य देखभाल में धांधली की और धांधली से मिले पैसों को धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) के जरिए भारत स्थित अपने विभिन्न बैंक खातों में भेज दिया। मिशिगन के निवासी 28 वर्षीय योगेश के. पंचोली श्रिंग होम केयर इंक नाम से एक स्वास्थ्य कंपनी का संचालन करता था, जिसका मालिकाना हक भी उसी के पास ही है।
बिलिंग मेडिकेयर से बाहर होने के बावजूद उसने फर्जी नामों, हस्ताक्षरों और पहचान छिपाकर दो महीने तक अपने अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर करीब 28 लाख डॉलर का मेडिकेयर से भुगतान प्राप्त किया, जबकि इन बिलों के एवज में सेवाएं कभी भी नहीं दी गईं। इसके बाद पंचोली ने इस फंड को मनी लॉन्ड्रि्ंग के जरिए अपने भारत स्थित विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिया।
योगेश पंचोली पर ये भी आरोप है कि उसने अपने खिलाफ मुकदमा शुरू होने से एक दिन पहले विभिन्न संघीय जांच एजेंसियों को फर्जी ईमेल भी भेजे, जिनमें लिखा गया कि सरकारी गवाह ने कई अपराध किए हैं तो उसे अमेरिका में रहने की इजाजत नहीं है। योगेश ने गवाही ना होने के लिए यह चाल चली। हालांकि जांच में वह पकड़ा गया। मिशिगन के पूर्वी जिले की फेडरल ज्यूरी ने योगेश पंचोली को धोखाधड़ी करने और साजिश रचने के आरोप में दोषी ठहराया था।
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