25 दिन बाद भी नहीं बना भजन लाल का मंत्रिमंडल
मंत्रिमंडल गठन के इंतजार का नया रिकॉर्ड बन गया है। मंत्रिमंडल की स्थिति अभी तक स्पष्ट नहीं है। सभी 45 विभागों की जिम्मेदारी सीएम के पास हैं। दो डिप्टी सीएम भी शपथ लेकर विभागहीन हैं। भाजपा ने प्रचार अभियान के दौरान वादा किया था कि 100 दिन में वादे पूरे करेंगे।
राजस्थान (आरएनआई) छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश के बाद अब राजस्थान में भी मंत्रिमंडल विस्तार होने वाला है। भजनलाल सरकार का एक-दो दिन में मंत्रिमंडल विस्तार होने की उम्मीद जताई जा रही है। भाजपा के सूत्रों की मानें तो जयपुर से बाहर के विधायकों को फोन जाना शुरू हो गए हैं। राजभवन में भी शपथ ग्रहण को लेकर तैयारियां हो रही हैं। माना जा रहा है कि मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की तरह राजस्थान के मंत्रिमंडल में भी नए लोगों को ज्यादा मौका दिया जाएगा। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने भी हाल ही में मीडिया से कहा कि जल्द ही एक छोटा मंत्रिमंडल बनेगा, इसके बाद मंत्रिमंडल का विस्तार भी होगा, इसमें सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। ऐसे में माना जा रहा है कि अगले एक या दो दिन में मंत्रिमंडल का गठन होगा। भजनलाल मंत्रिमंडल में 20 मंत्री बन सकते हैं। वहीं लोकसभा चुनावों के बाद एक बार फिर मंत्रिमंडल का विस्तार देखने को मिल सकता है।
त्रिमंडल गठन के इंतजार का नया रिकॉर्ड बन गया है। 25 दिन हो गए हैं, लेकिन आज भी मंत्रिमंडल की स्थिति स्पष्ट नहीं है। सभी 45 विभागों की जिम्मेदारी सीएम के पास हैं। दो डिप्टी सीएम भी शपथ लेकर विभागहीन हैं। भाजपा ने प्रचार अभियान के दौरान वादा किया था कि 100 दिन में वादे पूरे करेंगे। लेकिन सीएम और मंत्रिमंडल बनाने में ही 25 दिन निकल गए हैं। मार्च में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग सकती है। ऐसे में अब भजनलाल सरकार के पास महज 75 से 77 दिन ही काम के लिए बचे हैं।
मंत्रिमंडल में देरी कांग्रेस के लिए राहत लेकर आयी है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि भाजपा ने राज्य की जनता से 100 दिन में वादे पूरे करने की गारंटी दी थी। 25 दिन तक प्रदेश में मंत्री ही नहीं बने हैं। कांग्रेस लोकसभा चुनाव में 100 दिन में वादे पूरे नहीं होने का मुद्दा लेकर जनता के बीच जाएगी। पार्टी के नेता जोर-शोर के साथ उठाएंगे कि भाजपा अपने 100 दिन के वादे ही पूरे नहीं कर रही है।
पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि जनता में अब निराशा व्याप्त होने लगी है, क्योंकि राजस्थान की जनता ने 3 दिसंबर को भाजपा को स्पष्ट जनादेश दिया पर 25 दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक मंत्रिमंडल का गठन नहीं हुआ है। इससे शासन संचालन में ठहराव की स्थिति आ गई है। हर विभाग भी असमंजस की स्थिति में है। जनता देख रही है कि अपनी समस्याओं के समाधान के लिए किन मंत्रियों के पास जाएं। जल्द से जल्द मंत्रिमंडल का गठन होना चाहिए, जिससे सरकार का कामकाज सुचारू रूप से चल सके।
राजभवन में शपथ ग्रहण की तैयारी पूरी हो चुकी है। जैसे ही सूचना आएगी वैसे ही मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है। हालांकि राज्यपाल का 28 दिसंबर को जोधपुर जाने का कार्यक्रम प्रस्तावित है। 27 को कार्यक्रम नहीं है यह पहले ही साफ किया जा चुका है। सूत्र बताते हैं कि 20 से 22 मंत्री बन सकते हैं, इसमें आधे से ज्यादा ओबीसी चेहरे दिख सकते हैं।
राजस्थान में भी छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की तरह नए चेहरों को मौका मिल सकता है। मंत्रिमंडल में उन विधायकों को मौका दिया जा सकता है, जो अभी तक कभी मंत्री नहीं बने हैं। हालांकि कुछ वरिष्ठ विधायकों को भी मंत्री बनाया जा सकता है। लेकिन संख्या ज्यादा नहीं होगी। लोकसभा चुनावों से पहले जातीय और क्षेत्रीय संतुलन बनाकर मंत्रिमंडल में विधायकों को शामिल किया जाएगा, जिससे पार्टी लोकसभा चुनावों में इसे भुना सके।
राजस्थान में मुख्यमंत्री सहित अधिकतम 30 मंत्री बन सकते हैं। भजनलाल शर्मा सीएम, दीया कुमारी और डॉ. प्रेमचंद बैरवा उपमुख्यमंत्री बन चुके हैं। एक सीएम और दो डिप्टी सीएम बनने के बाद अब 30 में से 3 जगह भर चुकी हैं। कोटे के हिसाब से अब 27 मंत्री बन सकते हैं। पहले चरण में करीब 20 मंत्री बनाए जा सकते हैं, जिनमें 10 कैबिनेट और 10 राज्य मंत्री हो सकते हैं। पांच से सात जगह खाली रखी जा सकती हैं। बची हुई जगहों को लोकसभा चुनाव के बाद भरे जाने का विकल्प रखा जा सकता है।
भजनलाल मंत्रिमंडल में वरिष्ठ और अनुभवी विधायकों के साथ नए विधायकों को भी मंत्री बनाए जाने की संभावना है। कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़, डॉ. किरोड़ीलाल मीणा, कालीचरण सराफ, पुष्पेंद्र राणावत, प्रताप सिंह सिंघवी, जोगेश्वर गर्ग, ललित मीणा, मंजू बाघमार, हमीर सिंह भायल, बाबा बालकनाथ, जवाहर सिंह बेढम, महंत प्रतापपुरी, नौक्षम चौधरी को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की संभावना है।
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