2017 वालयार मामला: सीबीआई ने पीड़ितों के माता-पिता के खिलाफ दायर की चार्जशीट, लगाए गंभीर आरोप
2017 में कथित यौन उत्पीड़न के बाद लगभग दो महीने की अवधि के भीतर लड़कियां अपनी झोपड़ी में रहस्यमय परिस्थितियों में मृत पाई गईं थीं। पहले 13 वर्षीय लड़की का शव 13 मार्च 2017 को जबकि उसकी छोटी बहन (9 वर्षीय) का शव चार मार्च को उनकी ही झोपड़ी में फंदे से लटका हुआ मिला था।
नई दिल्ली (आरएनआई) वलायार में 2017 में यौन उत्पीड़न के बाद अपनी झोपड़ी में मृत पाई गईं दो बहनों की मौत के मामले में सीबीआई ने मृत बहनो के माता-पिता के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है। इसमें दोनों पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने दुष्कर्म के मामले को छिपाया। साथ ही उनपर बच्चियों को आत्महत्या के लिए उकसाने का भी आरोप लगा है।
इस मामले में कोच्चि में एर्नाकुलम सीबीआई अदालत के समक्ष छह पूरक आरोप पत्र दायर किए गए। इनमें माता-पिता पर आईपीसी और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया था।
मां ने आरोप लगाया था कि यह हत्या का मामला है। बाद में पुलिस की जांच में पता चला कि एक किशोर सहित पांच लोगों ने लगभग एक वर्ष तक दोनों लड़कियों का अप्राकृतिक तरीके से यौन शोषण किया गया। हालांकि, पलक्कड़ की एक विशेष पॉक्सो अदालत ने इस मामले में सबूतों के अभाव में पांचों आरोपियों को बरी कर दिया था। जिसके बाद पीड़ित बहनों की मां ने इस मामले की सीबीआई जांच की अपील करते हुए याचिका दाखिल की थी।
राज्य सरकार और बच्चों की मां द्वारा दायर अपीलों को स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट ने जनवरी 2021 में मामले में फिर से सुनवाई का आदेश दिया था। इतना ही नहीं, पांच आरोपियों को बरी करने के POCSO अधिनियम के तहत विशेष अदालत के अक्टूबर 2019 के आदेश को भी हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया था।
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