2015 के पहले की मैन्युअल रजिस्ट्री अब मिलेगी ऑनलाइन, चल रहा डिजिटाइजेशन
इंदौर (आरएनआई) साल 2015 के पहले जितनी भी रजिस्ट्री पंजीयन विभाग में की गई है वह अब ऑनलाइन दिखाई देने लगेंगी। इसके लिए विभाग द्वारा मैन्युअल रजिस्ट्रियों को ऑनलाइन किए जाने का काम लगातार चल रहा है। मध्य प्रदेश के इंदौर जिले की बात करें तो 28000 से ज्यादा मैन्युअल रजिस्ट्री अब तक ऑनलाइन दर्ज हो चुकी है। 2006 से लेकर 2014 तक कुल साढ़े 5 लाख दस्तावेज है, जिन्हें ऑनलाइन किया जाएगा। डिजिटाइजेशन की प्रक्रिया के बाद आसानी से डॉक्यूमेंट ऑनलाइन मिल जाएंगे।
मैन्युअल रजिस्ट्री होने की वजह से आम लोगों को प्रॉपर्टी संबंधित दस्तावेजों के लिए बार-बार विभाग के चक्कर लगाने पड़ते थे। विभाग बार-बार जाने के बाद भी दस्तावेज की कॉपी व्यक्ति तक पहुंचने में लगभग एक हफ्ता लग जाया करता था। इसी परेशानी से निपटने के लिए अब 2006 से 2015 के बीच बनी 5,47,828 रजिस्ट्री को डिजिटल बनाया जा रहा है। 2015 से पंजीयन विभाग में सभी चीज डिजिटल रूप से शुरू हो गई थी। यही कारण है कि इसके पहले के दस्तावेज ऑनलाइन किए जा रहे हैं।
एक निजी एजेंसी द्वारा दस्तावेजों को ऑनलाइन किया जा रहा है। इसके लिए स्कैनर की सहायता से दस्तावेज स्कैन किए जाते हैं और उन्हें सॉफ्टवेयर पर चढ़ाया जाता है। स्कैन करने के साथ दस्तावेजों का मिलान भी किया जाता है। कंपनी के कर्मचारियों के अलावा प्रदेश भर के सब रजिस्ट्रार को दस्तावेजों की जांच करने के लिए रिपोर्ट भेजी जाती है। सब रजिस्टार दस्तावेजों की जांच करते हैं और परेशानी होने पर फाइल वापस स्कैन के लिए दी जाती है।
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