2015 के कैश फॉर वोट घोटाले में विशेष वकील नियुक्त करेगा सुप्रीम कोर्ट
भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के विधायक गुंटाकंडला जगदीश रेड्डी और तीन अन्य की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुईं वरिष्ठ वकील सी आर्यमा सुंदरम ने याचिका दायर कर कैश फॉर वोट मामले की सुनवाई स्थानांतरित करने की मांग की।
नई दिल्ली (आरएनआई) सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि वह 2015 के कैश-फॉर-वोट घोटाला मामले में सुनवाई के लिए विशेष अभियोजक नियुक्त करेगा। इस मामले में तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी आरोपी हैं। दरअसल सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की गई थी कि कैश फॉर वोट मामले को तेलंगाना से भोपाल स्थानांतरित किया जाए। इस याचिका पर सुनवाई के दौरान ही सुप्रीम कोर्ट ने विशेष वकील नियुक्त करने का निर्देश दिया।
31 मई, 2015 को रेवंत रेड्डी को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने गिरफ्तार किया था। उस वक्त रेवंत रेड्डी तेलगुदेशम पार्टी (टीडीपी) से जुड़े हुए थे। आरोप है कि विधान परिषद चुनाव के दौरान टीडीपी उम्मीदवार वेम नरेंद्र रेड्डी का समर्थन करने के लिए रेवंत रेड्डी ने मनोनीत विधायक एल्विस स्टीफेंसन को कथित तौर पर 50 लाख रुपये की रिश्वत दी थी। रेवंत रेड्डी के अलावा, एसीबी ने कुछ अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया था। बाद में उन सभी को जमानत दे दी गई।
भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के विधायक गुंटाकंडला जगदीश रेड्डी और तीन अन्य की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुईं वरिष्ठ वकील सी आर्यमा सुंदरम ने याचिका दायर कर कैश फॉर वोट मामले की सुनवाई स्थानांतरित करने की मांग की। याचिका में कहा गया है कि रेवंत रेड्डी अब तेलंगाना के मुख्यमंत्री और गृह मंत्री हैं। याचिका में दलील दी गई है कि प्राकृतिक न्याय का नियम है कि 'कोई भी व्यक्ति अपने मामले में न्यायाधीश नहीं हो सकता।
याचिका पर सुनवाई करते हुए पीठ ने कहा, 'केवल आशंका के आधार पर हम कैसे सुनवाई कर सकते हैं। अगर हम ऐसी याचिकाओं पर सुनवाई करेंगे, तो इसका मतलब है कि हम अपने न्यायिक अधिकारियों पर विश्वास नहीं करेंगे।' इसके बाद पीठ ने कहा कि वह विश्वास जगाने के लिए एक स्वतंत्र सरकारी वकील नियुक्त करने का आदेश पारित करेगी।
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