1996 के मध्यस्थता और सुलह कानून के तहत फैसलों को संशोधित कर सकती हैं अदालतें: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली (आरएनआई) सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ ने यह तय करने के लिए बुधवार को फैसला सुनाया कि क्या अदालतें 1996 के मध्यस्थता और सुलह कानून के तहत मध्यस्थ फैसलों में संशोधन कर सकती हैं या नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने 4:1 बहुमत से फैसला सुनाया कि अदालतें मध्यस्थता और सुलह पर 1996 के कानून के तहत मध्यस्थता फैसलों को संशोधित कर सकती हैं।
मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की ओर से बहुमत से लिए गए फैसले में कहा गया है कि ऐसे फैसलों को संशोधित करने की शक्ति का प्रयोग अदालतों की ओर से सावधानी के साथ किया जाना चाहिए। पीठ में मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति बीआर गवई, न्यायमूर्ति संजय कुमार, न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह शामिल हैं।
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