1960 में मदद लेने के बाद आज भारत सबसे बड़ा चावल निर्यातक
समांथा पॉवर ने कहा कि 'खाद्य सुरक्षा को ही लें तो भारत में 1960 की शुरुआत में, हमने वैज्ञानिकों और स्थानीय किसानों के साथ मिलकर उच्च उपज वाले बीज विकसित और वितरित किए थे।
अमेरिका। (आरएनआई) अमेरिका की एक वरिष्ठ कूटनीतिज्ञ ने कहा है कि भारत ने अमेरिका से मदद लेने के बाद खाद्य सुरक्षा के मामले में आत्मनिर्भर बनने का लंबा रास्ता तय किया है। अमेरिकी कूटनीतिज्ञ ने कहा कि भारत ने खाद्य सुरक्षा के मामले में शानदार काम किया है और अब भारत निर्यातक बन गया है। बता दें कि फिजी में 'यूएस इंडो पैसिफिक कमांड चीफ ऑफ डिफेंस' का सम्मेलन हुआ। इस दौरान 'यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलेपमेंट' की प्रशासक समांथा पॉवर ने कहा कि एक देश में निवेश करने से अन्य देशों को भी फायदा मिलता है। इस दौरान समांथा पॉवर ने भारत की तारीफ करते हुए उसका उदाहरण दिया और कहा कि 'एक देश में किए निवेश से अन्य देशों को भी फायदा मिलता है। खाद्य सुरक्षा को ही लें तो भारत में 1960 की शुरुआत में, हमने वैज्ञानिकों और स्थानीय किसानों के साथ मिलकर उच्च उपज वाले बीज विकसित और वितरित किए थे। अगले दो दशकों में उन बीजों की मदद से भारत ने अपने चावल उत्पादन में 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी की और गेहूं उत्पादन में 230 प्रतिशत की बढ़ोतरी की। भारत में हरित क्रांति हुई और इस बढ़ी हुई कृषि उपज का फायदा दुनिया के अन्य देशों को भी हुआ। समांथा पॉवर ने कहा कि भारत ने अमेरिकी मदद लेने से लेकर खाद्य सुरक्षा के मामले में आत्मनिर्भर बनने और दूसरे देशों को खाद्यान्न निर्यातक बनने का लंबा रास्ता तय किया है। अब भारत अपनी अद्भुत विकास प्रक्रिया को अपनी सीमाओं के पार भी बढ़ा रहा है। बता दें कि भारत आज दुनिया का सबसे बड़ा चावल निर्यातक है और वैश्विक चावल व्यापार का 40 प्रतिशत अकेले भारत निर्यात करता है। 2022 में भारत ने 140 देशों को 9.66 बिलियन यूएस डॉलर कीमत का दो करोड़ 20 लाख टन चावल निर्यात किया। बता दें कि देश में चावलों की कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए भारत सरकार ने बीती 20 जुलाई को चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। जिसकी वजह से भारत से निर्यात होने वाले 25 प्रतिशत चावल पर रोक लग गई है।
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