1.89 करोड़ परिवारों को 2026 तक मिलेगी सस्ती चीनी
मंत्रिमंडल ने भारत और संयुक्त अरब अमीरात की सरकार के बीच हुए द्विपक्षीय निवेश संधि समझौते पर हस्ताक्षर व पुष्टि को मंजूरी दी है। इस संधि से बड़े निवेशकों के विश्वास को मजबूती मिलेगी, जिससे विदेशी निवेश एवं विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के अवसर बढ़ेंगे।
नई दिल्ली (आरएनआई) सबको भोजन, सबको पोषण की पीएम नरेंद्र मोदी की गारंटी को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने गरीबों को सार्वजनिक वितरण योजना (पीडीएस) के तहत चीनी पर मिलने वाले अनुदान को 31 मार्च, 2026 तक बढ़ा दिया है। पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) के लाभार्थी परिवारों को चीनी सब्सिडी दो और साल बढ़ाने की मंजूरी दी है। देश के 1.89 करोड़ परिवारों को अनुदानित दरों पर चीनी दी जा रही है। इसके लिए केंद्र सरकार 1,850 करोड़ रुपये खर्च कर रही है।
मंत्रिमंडल ने भारत और संयुक्त अरब अमीरात की सरकार के बीच हुए द्विपक्षीय निवेश संधि समझौते पर हस्ताक्षर व पुष्टि को मंजूरी दी है। इस संधि से बड़े निवेशकों के विश्वास को मजबूती मिलेगी, जिससे विदेशी निवेश एवं विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के अवसर बढ़ेंगे। इसका रोजगार सृजन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। भारत में निवेश बढ़ने की उम्मीद है, जिससे घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने परिधान निर्यात के लिए राज्यों को केंद्रीय करों व लेवी (आरओएससीटीएल) में छूट योजना को 31 मार्च, 2026 तक जारी रखने की मंजूरी दी है। योजना का उद्देश्य परिधान के निर्यात पर शुल्क वापसी योजना के अलावा राज्य और केंद्रीय करों और लेवी की भरपाई छूट के माध्यम से करना है।
पशुपालन अवसंरचना विकास कोष का विस्तार अवसंरचना विकास कोष (आईडीएफ) के तहत लागू किए जाने वाले पशुपालन अवसंरचना विकास कोष (एएचआईडीएफ) को 29,610.25 करोड़ रुपये व्यय के साथ 2025-26 तक जारी रखने की मंजूरी दी है। यह योजना डेयरी प्रसंस्करण और उत्पाद विविधीकरण, मांस प्रसंस्करण, पशु चारा संयंत्र, पशु चिकित्सा वैक्सीन और दवा उत्पादन सुविधाओं के लिए निवेश को प्रोत्साहित करेगी। राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी), नाबार्ड और एनडीडीबी से 90 फीसदी तक ऋण के लिए दो साल की मोहलत सहित 8 वर्षों के लिए 3 फीसदी ब्याज सब्सिडी भी दी जाएगी।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उर्वरक उत्पादन में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए 1 मई, 2009 से 17 नवंबर, 2015 की अवधि में उर्वरक (यूरिया) इकाइयों को घरेलू गैस की आपूर्ति पर विपणन मार्जिन के निर्धारण को मंजूरी दी है। इस मंजूरी से विभिन्न उर्वरक (यूरिया) इकाइयों को अतिरिक्त पूंजी मिलेगी। सरकार के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के मुताबिक इस अनुमति से निर्माताओं को निवेश बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। बढ़े हुए निवेश से उर्वरकों में आत्मनिर्भरता आएगी।
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