18 साल के डी गुकेश चेस के नए वर्ल्ड चैंपियन
ग्रैंड मास्टर डी गुकेश मात्र 18 साल की उम्र में वर्ल्ड चेस चैंपियन बन गए हैं। वह वर्ल्ड चैंपियन में बनने वाले भारत के दूसरे प्लेयर बन गए हैं। इससे पहले यह उपलब्धि विश्वनाथ आनंद के पास थी।
नई दिल्ली (आरएनआई) गुरुवार को 18 साल के भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश ने वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम किया। सिंगापुर में खेले गए इस खिताबी मुकाबले में डि गुकेश ने चीन के डिफेंडिंग चैंपियन डिंग लिरेन को 7.5 – 6.5 से हरा दिया। इसके साथ ही डी गुकेश ने इतिहास रच दिया। दरअसल डी गुकेश सबसे कम उम्र में यह खिताब अपने नाम करने वाले पहले प्लेयर बन गए।
इससे पहले सबसे कम उम्र में यह खिताब अपने नाम करने वाले खिलाड़ी रूस के गैरी कैस्परोव थे। गैरी कैस्परोव ने सन 1985 में 22 साल की उम्र में यह खिताब अपने नाम किया था। हालांकि डी गुकेश ने मात्र 18 साल की उम्र में यह उपलब्धि हासिल की है।
बता दें कि डी गुकेश का जन्म 29 मई 2006 को तमिलनाडु के चेन्नई में हुआ था। चेन्नई में जन्म लेने वाला यह लड़का भारत का नाम विश्व भर में ऊंचा कर देगा यह किसी को नहीं पता था। डी गुकेश के माता-पिता दोनों डॉक्टर हैं। पिता रजनीकांत नाक, कान और गले के स्पेशलिस्ट हैं। जबकि मां पद्मा माइक्रोबायोलॉजी क्षेत्र में विशेषता रखती है। डी गुकेश ने मात्र 7 साल की उम्र में चेस खेलना शुरू कर दिया था। स्कूल में उन्होंने के चेस में महारत हासिल करी। जिससे शिक्षक भी प्रभावित हुए। इसके बाद उन्होंने वीकेंड्स पर चेस टूर्नामेंट में भाग लेना शुरू कर दिया।
डी गुकेश ने मात्र 9 साल की उम्र में पहली चैंपियनशिप जीती थी। 2015 में डी गुकेश ने अंडर 9 एशियन स्कूल चैंपियनशिप जीती थी। इसके बाद उनका यह सफर शुरू हो गया। डी गुकेश ने 3 साल बाद ही अगली चेस चैंपियनशिप भी अपने नाम कर ली। 2018 में अंडर 12 लेवल पर वर्ल्ड यूथ चेस चैंपियनशिप पर डी गुकेश ने कब्जा जमाया। इस प्रतियोगिता में डी गुकेश ने एक नहीं बल्कि 5 मेडल अपने नाम किए है। बता दें कि मार्च 2017 में डी गुकेश ने इतिहास रचते हुए तीसरे सबसे युवा ग्रैंडमास्टर का खिताब अपने नाम किया था।
सिंगापुर में खेले गए इस खिताबी मुकाबले में चीनी खिलाड़ी को गुकेश ने 14वे गेम में हराकर यह टाइटल अपने नाम किया है। 25 नवंबर को चैंपियनशिप का फाइनल मैच शुरू हुआ था। दोनों खिलाड़ियों के बीच 11 दिसंबर तक 13 मैच खेले गए। इस दौरान स्कोर 6.5-6.5 से बराबर हो गया। हालांकि 14वे मुकाबले में भारत के डी गुकेश ने कमाल करते हुए एक पॉइंट की बढ़त ले ली और 7.5 और 6.5 स्कोर कर दिया। इसी के साथ डी गुकेश ने यह ख़िताब अपने नाम कर लिया।
कम उम्र में यह उपलब्धि हासिल करने के बाद डी गुकेश ने कहा कि “लिरेन का ब्लंडर मेरे जीवन का सबसे खास मोमेंट रहा है। उन्होंने जब ब्लंडर किया, तब मुझे समझ नहीं आया था, मैं अपनी नॉर्मल चाल चलने ही वाला था, तभी मैंने देखा कि उनका हाथी मेरे हाथी के निशाने पर हैं। मैंने उसे मारा और अपने ऊंट से उनके ऊंट को मार दिया। मेरे पास एक प्यादा ज्यादा बचना ही था, आखिर में वह बचा और लिरेन ने रिजाइन कर दिया।”
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