15000 छात्रों से वसूले 206 करोड़ और शिक्षक को वेतन नहीं; 32 कोचिंग सेंटर बंद, अभिभावक परेशान
ईडी ने नोएडा, लखनऊ, दिल्ली, भोपाल और अन्य स्थानों पर दर्ज कई एफआईआर के आधार पर एफआईआईटी-जेईई और उसके वरिष्ठ प्रबंधन के खिलाफ जांच शुरू की थी। एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि एफआईआईटी-जेईई के वरिष्ठ प्रबंधन ने गुणवत्तापूर्ण शैक्षिक सेवाएं प्रदान करने के बहाने छात्रों और अभिभावकों से भारी फीस एकत्र की।

नई दिल्ली (आरएनआई) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), लखनऊ जोनल कार्यालय ने एफआईआईटी-जेईई धोखाधड़ी मामले में 24 अप्रैल को नोएडा, दिल्ली और गुड़गांव में सात स्थानों पर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत तलाशी ली है। एफआईआईटी-जेईई के निदेशक डीके गोयल, सीईओ, सीओओ और सीएफओ के आवासों के साथ-साथ एफआईआईटी-जेईई कोचिंग संस्थान के आधिकारिक परिसर में भी तलाशी ली गई।
ईडी ने नोएडा, लखनऊ, दिल्ली, भोपाल और अन्य स्थानों पर दर्ज कई एफआईआर के आधार पर एफआईआईटी-जेईई और उसके वरिष्ठ प्रबंधन के खिलाफ जांच शुरू की थी। एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि एफआईआईटी-जेईई के वरिष्ठ प्रबंधन ने गुणवत्तापूर्ण शैक्षिक सेवाएं प्रदान करने के बहाने छात्रों और अभिभावकों से भारी फीस एकत्र की। लगभग 15000 छात्रों से 206 करोड़ रुपये बतौर फीस वसूले। टीचरों को वेतन नहीं दिया गया। नतीजा, 32 कोचिंग सेंटर बंद हो गए। छात्रों और अभिभावकों को परेशानी का सामना करना पड़ा। यह भी आरोप है कि फीस का पैसा किन्हीं दूसरे कार्यों में लगा दिया गया।
ईडी की तलाशी कार्रवाई से पता चला है कि FIIT-JEE द्वारा वर्तमान में चल रहे बैचों के छात्रों से शैक्षणिक सेवाएं प्रदान करने के नाम पर लगभग 206 करोड़ रुपये की भारी रकम एकत्र की गई। बाद में वह सेवा अंततः प्रदान नहीं की गई। तलाशी कार्रवाई के दौरान अपराध की आय (पीओसी) का विवरण सामने आया है। 2025-26 के लिए 9823 छात्रों से 181.89 करोड़ रुपये बतौर फीस वसूले गए। इसी तरह 2026-27 के लिए 3316 छात्रों से 47.48 करोड़ रुपये लिए गए। कुल 14411 छात्रों से 250.2 करोड़ रुपये लिए गए।
जांच एजेंसी ने तलाशी के दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस जब्त किए हैं, जो गंभीर वित्तीय अनियमितताओं का संकेत देते हैं। एकत्र किए गए धन को कथित तौर पर व्यक्तिगत और अनधिकृत उपयोग के लिए डायवर्ट किया गया था। शिक्षकों का वेतन नहीं दिया गया। नतीजतन, गाजियाबाद, लखनऊ, मेरठ, नोएडा, प्रयागराज, दिल्ली, भोपाल, ग्वालियर, इंदौर फरीदाबाद, गुरुग्राम, मुंबई आदि में 32 कोचिंग सेंटर अचानक बंद कर दिए गए। इससे लगभग 15000 छात्रों और अभिभावकों को व्यापक परेशानी का सामना करना पड़ा। तलाशी कार्रवाई के दौरान एकत्र किए गए साक्ष्यों के प्रारंभिक विश्लेषण से पता चलता है कि छात्रों और उनके अभिभावकों को शैक्षणिक सेवाओं की आड़ में धोखा देने के लिए धन की हेराफेरी करने की एक व्यवस्थित योजना बनाई गई थी। तलाशी के दौरान 10 लाख रुपये नकद और 4.89 करोड़ रुपये के आभूषण जब्त किए गए।
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