15 अगस्त को वायुसेना को मिल सकता है पहला एलसीए मार्क 1ए लड़ाकू विमान
देरी के बीच हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड 15 अगस्त को पहले एलसीए मार्क 1ए लड़ाकू विमान वायुसेना को सौंप सकती है। वहीं भारत-अमेरिका के बीच हुए समझौते के तहत लड़ाकू विमान के इंजन बनाने वाली कंपनी जनरल इलेक्ट्रोनिक्स ने इस साल सितंबर-अक्तूबर से लड़ाकू विमानों के इंजन की सप्लाई करने का वादा किया है। पहले ही इस प्रोजेक्ट में कई महीने की देरी हो चुकी है।
नई दिल्ली (आरएनआई) देरी के बीच हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड 15 अगस्त को पहले एलसीए मार्क 1ए लड़ाकू विमान वायुसेना को सौंप सकती है। वहीं भारत-अमेरिका के बीच हुए समझौते के तहत लड़ाकू विमान के इंजन बनाने वाली कंपनी जनरल इलेक्ट्रोनिक्स ने इस साल सितंबर-अक्तूबर से लड़ाकू विमानों के इंजन की सप्लाई करने का वादा किया है। पहले ही इस प्रोजेक्ट में कई महीने की देरी हो चुकी है।
इंटीग्रेशन में थोड़ी सॉफ्टवेयर की समस्या है। इसे दूर करने के लिए काम कर रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि 15 अगस्त से पहले पहले लड़ाकू विमान को वायुसेना को सौंप दिया जाए।' उल्लेखनीय है कि एलसीए मार्क 1ए भारत का स्वदेशी लड़ाकू विमान है। पहले इस लड़ाकू विमान की डिलीवरी इस साल फरवरी मार्च से शुरू होनी थी, लेकिन किसी न किसी कारण से इसकी डिलीवरी में देर होती रही।
एलसीए मार्क 1ए लड़ाकू विमान भारत का महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट है और यही वजह है कि वायु सेना प्रमुख के साथ ही वायुसेना के कई शीर्ष अधिकारी इस विमान की डिलीवरी पर नजर बनाए हुए हैं। भारतीय वायुसेना के उप-प्रमुख ने भी हाल ही में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड कंपनी के हैंगर का दौरा कर एलसीए मार्क 1ए लड़ाकू विमान की प्रगति की जानकारी ली थी। एचएएल बीते कई महीनों से स्वदेशी लड़ाकू विमान का ट्रायल कर रही थी।
एचएएल और वायुसेना के बीच हुए सौदे के तहत वायुसेना को 48 हजार करोड़ रुपये में कुल 83 एलसीए मार्क 1ए फाइटर जेट मिलने हैं, लेकिन इस प्रोजेक्ट में पहले से ही कई महीने की देरी हो चुकी है। अमेरिका की तरफ से एलसीए मार्क 1ए लड़ाकू विमान के लिए आधुनिक इंजन की सप्लाई की जानी है, लेकिन उसमें भी देरी हो रही है और अब इसके सितंबर-अक्तूबर में मिलने की उम्मीद है। अमेरिकी कंपनी जीई ने वादा किया है कि सितंबर-अक्तूबर से वे हर महीने एक या दो इंजन की सप्लाई शुरू कर देंगे। रक्षा मामले में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में भारत के लिए स्वदेशी लड़ाकू विमानों का यह प्रोजेक्ट बेहद अहम है।
मौजूदा वित्तीय वर्ष के अंत में सरकार 65 हजार करोड़ रुपये में 97 एलसीए मार्क 1ए लड़ाकू विमान खरीदने का एक और सौदा कर सकती है। यह स्वदेशी हथियारों का सबसे बड़ा सौदा होगा।
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