15 साल के अभ्युदय जैन उर्फ अभिमन्यु की 14 फरवरी को हुई मौत पर हत्या का मामला दर्ज
मिस्ट्री में बड़ा खुलासा हुआ है। अभी तक की पड़ताल में पुलिस इस नतीजे पर पहुंच गई है कि अभ्युदय की हत्या की गई है।आरोपी ने अपराध से बचने की गरज से हत्या के बाद घटनास्थल पर ऐसा दृश्य निर्मित किया जिससे हत्या और आत्महत्या के बीच भ्रम की स्थिति बन गई थी।

गुना (आरएनआई) सूत्रों ने बताया कि जांच अधिकारी एसआई कुशल पाल ने मर्ग जांच के दौरान फोरेंसिक एविडेंस, मेडिकल एविडेंस और अभी तक की इनक्वायरी के दौरान एक दर्जन साक्षियों से पूछताछ की है। मृतक अभ्युदय, मृतक के परिजनों और अन्य लोगों के मोबाइल कॉल डिटेल रिकॉर्ड खंगाले हैं। साथ ही घटना स्थल से टॉवेल हैंगर, मृतक की नोटबुक आदि और क्राइस्ट स्कूल से हाफ ईयरली एग्जाम की मार्कशीट और एन्यूअल एग्जाम की हिंदी की आंसरशीट भी पुलिस ने जप्त की है।
मृतक अभ्युदय के शव का पीएम 15 जनवरी को जिला चिकित्सालय में तीन डॉक्टर के पैनल ने किया था। डॉक्टर पैनल द्वारा पीएम रिपोर्ट में मृत्यु का कारण "asphyxia due to antemortem strangulation" यानि "गला घोंटने से दम घुटना" लिखा है, अपनी रिपोर्ट में डॉक्टर्स ने परिस्थितिजन्य साक्ष्य शामिल किए जाने की राय भी दी थी।
सभी रिपोर्ट्स, परिस्थितिजन्य साक्ष्य और बयानों के आधार पर पुलिस इस नतीजे पर पहुंची कि अभ्युदय की हत्या की गई है। इसके बाद पुलिस ने सिटी कोतवाली में अपराध क्रमांक 115 पर अज्ञात के विरुद्ध हत्या की धारा में एफआईआर दर्ज कर ली है। सूत्रों ने बताया कि अज्ञात हत्यारे का पता लगाने के लिए एसपी संजीव कुमार सिन्हा के मार्गदर्शन में सीएसपी भरत नौटिया के नेतृत्व में बनी एसआईटी रात दिन एक कर रही है। पुलिस को कुछ क्लू भी मिले हैं लेकिन ठोस सबूत इकट्ठा किए जा रहे हैं ताकि कोई चूक न हो।
गौरतलब है कि 14 फरवरी को शहर की चौधरन कॉलोनी में स्थित स्वदेश जैन के मकान में पांच साल से किराए से रह रहे अनुपम जैन अलका जैन के इकलौते पुत्र अभ्युदय को मृत अवस्था में जिला अस्पताल लाया गया था। पुलिस को रात करीब साढ़े आठ बजे अस्पताल से अभ्युदय की मौत की सूचना मिली थी। अभ्युदय अपनी मां अलका के साथ रहता था। दिसंबर में उसके पिता अनुपम का ट्रांसफर भोपाल हो गया था। अनुपम एचडीएफसी बैंक में ऑडिट ऑफिसर हैं। अनुपम छुट्टी के दिन गुना आते हैं। वो 10 फरवरी को ही गुना से भोपाल लौटे थे। घटना वाले दिन अभ्युदय हिंदी का पेपर देकर स्कूल से घर लौटा था। बताया जा रहा है कि अभ्युदय पढ़ने में औसत ही था।
पुलिस द्वारा अभ्युदय की मां अलका से घटना को लेकर की गई प्रारंभिक पूछताछ में जो कहानी सामने आई थी उसके मुताबिक वह शाम करीब 4 बजे समाज के महिला ग्रुप में आयोजित बैडमिंटन कंपटीशन के लिए बैडमिंटन की प्रेक्टिस करने चली गई थी। घर पर अभ्युदय अकेला था। शाम को करीब सवा छह बजे जब वह बैडमिंटन खेलकर वापस लौटीं तो घर अंदर से लॉक था। काफी देर तक खटखटाने के बाद भी दरवाजा नहीं खुला तो उन्होंने अपने पति अनुपम को कॉल किया। इसके बाद मकान मालिक से दूसरी चाबी लेकर गेट खोला।
घर के अंदर अभ्युदय अपने कमरे में भी नहीं दिखा। जब उन्होंने गेट के पास ही बनी बाथरूम में देखा तो अभ्युदय टॉवल स्टैंड से लटका हुआ मिला। उसके गले में दुपट्टा कसा हुआ था और वह टॉवल स्टैंड से बंधा था। उसके पैर उनकी सफेद रंग की लेगी से बंधे हुए थे। वह चिल्लाई तो मकान मालकिन नेहा जैन वहां पहुंची। इसके बाद अन्य लोग भी वहां पहुंचे और सभी अभ्युदय को पहले सहयोग हॉस्पिटल फिर जिला अस्पताल ले गए जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। अगले दिन पीएम के बाद पुलिस ने अभ्युदय का शव परिजनों को सौंप दिया था जिन्होंने पैतृक घर झांसी ले जाकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया।
घटना की प्रारंभिक परिस्थितियों और पीएम रिपोर्ट को देखते हुए पुलिस पहले ही दिन से मामले को संदिग्ध मान रही थी। सूत्रों के मुताबिक बच्चे के गले में जिस दुपट्टे से फंदा लगाने की बात सामने आई है वह बीच में से कटा मिला, इसी तरह पैरों में बंधी लेगी भी तीन बराबर टुकड़ों में कटी मिली। जिसके बारे में जानकारी सामने आई कि एक चाकू की मदद से उन्हें काट कर बच्चे को उतारा गया था। यह चाकू नारियल काटने के लिए खरीदने की बात भी सामने आई है। बरामद किए गए दुपट्टे और लेगी में कोई गांठ होने न होने को लेकर भी संशय है।
सूत्रों ने बताया कि पुलिस को जांच में पता चला है कि वारदात वाले दिन करीब 06:18 बजे अलका जैन घर वापस लौटी थी। इसके 20 मिनिट बाद उन्होंने एक सहेली से बात की थी। इधर करीब 07:30 बजे के बाद अनुपम जैन का फोन मकान मालिक स्वदेश के पास अपने पोर्शन की एक्स्ट्रा चाबी अलका को देने के लिए आया था। स्वदेश तब दुकान पर थे। स्वदेश के मुताबिक वह दुकान का सामान घड़ी करने में घर पर पत्नी को फोन लगाने में थोड़ा लेट हो गए थे करीब पौने आठ बजे पत्नी का ही फोन आ गया था कि अलका भाभी चाबी मांगने आई हैं,।
मकान मालकिन नेहा जैन के बयान के मुताबिक करीब पौने आठ बजे अलका नीचे आकर उनसे पोर्शन की चाबी ले गई थी। कुछ देर बाद जब ऊपर से अलका की जोर जोर से चिल्लाने की आवाज आई तो आवाज सुनकर नेहा ऊपर पहुंची। तब अभ्युदय बाथरूम के फर्श पर सीधा पड़ा था उसके पैर टॉयलेट की सीट की ओर थे सिर गेट की ओर था। उसके मुंह से पीला सा झाग निकल रहा था। पैर में लेगी नहीं बंधी थी। उन्हें वहां दुपट्टा या चाकू भी दिखाई नहीं दिया था। बाथरूम में उसके बगल में ही अलका बैठी थीं। नेहा ने तत्काल अपने पति स्वदेश को फोन लगाकर बुलाया और बेटी को पास ही रह रहे एक डॉक्टर को बुलाने को कहा। इस बीच वहां पहुंचे देवर पड़ोसी पति दुकान के एक कर्मचारी व अन्य की मदद से अभ्युदय को ऊपर से नीचे लाया गया और कार से अस्पताल ले गए थे। नेहा के मुताबिक अस्पताल में अलका बार बार कह रही थी कि मैने नहीं मारा।
पुलिस सभी गवाहों के बयानों और साक्ष्यों का परीक्षण कर रही है। साथ ही 06:18 से पौने आठ बजे के बीच अलका द्वारा कमरे का गेट खटखटाने की बात को समझने का प्रयास कर रही है। इस अवधि में सवा घंटे से अधिक समय तक गेट खटखटाने की आवाज किसी ने सुनी हो ऐसा कोई साक्षी नहीं मिला है। बताया जा रहा है कि 15 साल का अभ्युदय तंदुरुस्त था, ऐसे में मामूली स्क्रू से बाथरूम की दीवार पर कसे टॉवेल स्टैंड पर दुपट्टे से उसके लटकने और उसके पैर लेगी से बंधे होने की कहानी और बयानों में विरोधाभास को भी सुलझाने का प्रयास पुलिस कर रही है। सूत्रों ने बताया कि जल्दी ही मामले का खुलासा हो सकता है।
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